बीते दिन आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति दुनिया बताने और समझाने के लिए भारतीय डेलिगेशन अमेरिका पहुंचा…यहां शशि थरुर ने आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने को लेकर अमेरिका को खरी-खोटी सुना दी।
9/11 हमले में जान गंवाने वालों को दी श्रद्धाजंलि…

सबसे पहले तो भारतीय डेलिगेशन ने 9/11 हमले में जान गंवाने वाले लोगों को मेमोरियल पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। जिससे दुनियाभर में ये संदेश जाए कि, हमें सिर्फ अपनों को खोने का दुख नहीं बल्कि आतंकवादियों ने जिसको भी जब भी निशाना बनाया है उन सब के जाने का हमें उतना ही दुख है।
भारत भी बार-बार हो रहा आतंकवाद का शिकार…

डेलिगेशन को लीड कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि, जिस प्रकार अमेरिका आतंकवाद का शिकार हुआ है, उसी तरह भारत भी बार-बार इसका शिकार हो चुका है। इस मार्मिक स्मारक में आज जिन घावों के निशान देखे जा रहे हैं, वैसे ही घाव हमने भी सहे हैं. हम यहां एकजुटता की भावना के साथ आए हैं और यह भी कहने आए हैं कि यह एक मिशन है.” और “जिस तरह अमेरिका ने 9/11 के बाद साहस और संकल्प दिखाया, उसी तरह भारत भी 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद बुरी ताकतों के खिलाफ डटकर खड़ा हुआ है. हमें उम्मीद है कि इस हमले के दोषियों और उन्हें ट्रेनिंग, फंड और हथियार देने वालों ने इससे कुछ सबक लिया होगा, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि ऐसा हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे.”
बीजेपी नेता शशांक मणि ने कही ये बात

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बीजेपी नेता शशांक मणि ने कहा, “आज हमारा न्यूयॉर्क से करीब 10 दिवसीय कार्यक्रम शुरू हुआ. आज हम वहां गए जहां आतंकवाद ने न्यूयॉर्क को भी 9/11 में ध्वस्त किया था. हम बताना चाहते हैं कि आंतक किसी एक देश का नहीं है बल्कि यह वैश्विक समस्या है. ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया है कि हमने जो काम किया है, उससे आतंकवाद पर प्रहार हुआ है और आने वाले समय में यदि विकसित भारत का निर्माण करना है तो हमें आतंकवाद का सफाया करना पड़ेगा और इसमें हर देश को हमारे साथ जुड़ना पड़ेगा.”
क्या है मोदी डेलिगेशन का मकसद…

मोदी डेलिगेशन में 59 सांसदों की 7 सर्वदलीय टीम बनाई गयी है। यानि डेलिगेशन में शामिल 59 सांसदों को 33 देश भेजा जाएगा। मोदी का ये डेलिगेशन आतंकवाद जैसे खतरनाक बिमारी या महामारी को लेकर पूरी दुनिया में इससे होने वाले नुकसान और नुकसान के साथ-साथ इसके इलाज के बारे में भी बताएगा। भारत में मई महीने की शुरुआत में कश्मीर के पहलगाम में क्या हुआ…आतंकवाद की वजह से देश किस दर्द से गुजरा शायद इसका अंदाजा तभी होगा जब हम आवाज बुंलद करके दुनियाभर को पाकिस्तान और आतंकवाद का असली चेहरा दिखाएंगे।
कौन-कौन मोदी डेलिगेशन में है शामिल…

दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर का मकसद और पाकिस्तान का असल चेहरा दुनिया को बताने के लिए दो डेलिगेशन अलग-अलग देशो में भेजे गए। जिनमें कुल 17 सांसद हैं। JDU सांसद संजय झा की अगुआई वाला पहला डेलिगेशन सुबह 6 बजे रवाना हुआ तो शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाला डेलिगेशन रात 9 बजे रवाना किया गया। इन टीमों के साथ 8 पूर्व राजनयिक भी हैं। ये सांसद ऑपरेशन सिंदूर का बैकग्राउंड और डिप्लोमैटिक एवं सैन्य कार्रवाई के पांच बड़े संदेश इन 33 देशों तक पहुंचाएंगे।
कौन से हैं वो 5 बड़े संदेश…देंगे 59 सांसद…
1. आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस को लेकर ये टीमें ये बताएंगी कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई की गयी और बौखलाए पाकिस्तान की सेना ने इसे खुद के खिलाफ हमला माना और पलटवार किया।
2. पाक आतंक का समर्थक है ये चेहरा सबके सामने आना भी जरुरी है इसके लिए ये टीम कुछ सबूत लेकर जा रही है, जिनमें वो बताएंगे कि पहलगाम हमले में पाक समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की भूमिका का काला-चिट्ठा खुलकर सामने आ जाएगा।
3. भारत ने सैन्य कार्रवाई में भी संयम के साथ सिर्फ आतंकवाद को निशाना बनाया। पाक के किसी निर्दोष नागरिक को नहीं।
4. आतंक के खिलाफ विश्व एकजुट करना ही एक मात्र रास्ता है। भारत-पाक के विवाद को आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के तौर पर ही देखा जाना चाहिए कुछ और नहीं…
5. ये टीम बताएगी कि, पाक को लेकर हमारी नीति अब ये है कि, अब भारत आतंकवाद और आतंक के पनाहगार पाकिस्तान के खिलाफ प्रो-एक्टिव रवैया अपनाएगा और आतंकी हमलावरों को पहले ही निष्क्रिय करेगा।
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