नई दिल्ली, 24 जून। इजराइल और ईरान के बीच जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु के तहत सोमवार को पहला सफल बचाव अभियान पूरा किया। इस अभियान में इजराइल से 161 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल कर भारत लाया गया। ये सभी नागरिक जमीनी रास्ते से जॉर्डन ले जाए गए थे, जहां से उन्हें विमान के जरिए नई दिल्ली लाया गया।
इन्हीं यात्रियों में शामिल थे एक बुजुर्ग भारतीय दंपति, जिन्होंने मीडिया से बातचीत में उस खौफनाक लम्हे को याद किया जब ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागी थीं। उनका बयान दिल दहला देने वाला था – “हमारे ऊपर से 6 मिसाइलें गईं… लगा जैसे ये आखिरी दिन है ज़िंदगी का।”
क्या है ऑपरेशन सिंधु?
भारतीय विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मिलकर इस विशेष अभियान को अंजाम दिया है। ऑपरेशन सिंधु के तहत इजराइल में फंसे भारतीय नागरिकों को पहले जमीनी रास्ते से जॉर्डन ले जाया गया, और फिर फ्लाइट के जरिए भारत लाया गया। इस रेस्क्यू मिशन का उद्देश्य संघर्षग्रस्त इलाकों से भारतीयों को सुरक्षित निकालना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, “इजराइल में हालात बेहद अस्थिर हैं। हमें समय रहते वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालना था। जॉर्डन के सहयोग से ये मुमकिन हो सका।”

बुजुर्ग दंपति की आपबीती: “हर मिनट लगा जैसे मर जाएंगे”
नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही राहत की सांस लेते हुए एक बुजुर्ग जोड़े ने बताया कि वे इजराइल के हाइफ़ा में रह रहे थे। “हमें एक दिन पहले ही कहा गया कि जल्दी निकलना होगा। जब ईरान ने हमला किया, तब हम अपने अपार्टमेंट में थे। ऊपर से मिसाइलें जा रही थीं। शोर इतना भयानक था कि हमें लगा हम नहीं बचेंगे,” उन्होंने कहा।
उनकी पत्नी ने कांपती आवाज में कहा, “मैंने भगवान को याद किया… ऐसा लगा कि ये हमारी आखिरी रात है। हमने अपने बच्चों से वीडियो कॉल पर विदाई ली थी।”
कैसे हुआ रेस्क्यू?
- भारतीय दूतावास की सक्रियता से यात्रियों को इकट्ठा किया गया।
- जमीनी रास्ते से उन्हें इजराइल-जॉर्डन सीमा तक लाया गया।
- जॉर्डन में अस्थायी व्यवस्था के तहत यात्रियों को ठहराया गया।
- फिर चार्टर्ड विमान से सभी 161 भारतीयों को दिल्ली लाया गया।
ईरान-इजराइल युद्ध का तनाव
मध्य पूर्व में लगातार बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने इजराइल पर कई मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इजराइल की ओर से भी जवाबी कार्रवाई हुई। इस पूरे घटनाक्रम के चलते आम नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी। इजराइल में काम कर रहे और पढ़ाई कर रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए भारत सरकार ने तुरंत ऑपरेशन सिंधु शुरू किया।

सरकार की सतर्कता और मिशन की सफलता
भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ पहला चरण है और ज़रूरत पड़ी तो अगली उड़ानों के ज़रिए बाकी नागरिकों को भी सुरक्षित लाया जाएगा। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने इस पर ट्वीट किया, “हर भारतीय सुरक्षित है, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऑपरेशन सिंधु इसका उदाहरण है।”
भारत आने पर भावुक हुए यात्री
161 भारतीय नागरिकों के भारत पहुंचते ही एयरपोर्ट पर भावुक नजारे देखने को मिले। कई यात्री एयरपोर्ट पर अपने परिजनों से मिलते ही रो पड़े। कुछ लोगों ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। एक महिला यात्री ने कहा, “हम तो सोच ही नहीं सकते थे कि इतनी जल्दी भारत वापस आ पाएंगे। सरकार ने जो किया, उसके लिए हम हमेशा शुक्रगुज़ार रहेंगे।”

अब आगे क्या?
विदेश मंत्रालय और इजराइल में भारतीय दूतावास लगातार हालात पर नज़र रख रहे हैं। सरकार का कहना है कि जरूरत पड़ने पर अगले कुछ दिनों में और उड़ानों के जरिए बाकी भारतीयों को भी निकाला जाएगा। साथ ही जॉर्डन और इजराइल सरकार के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक तेज़ किया जाएगा।
भारत सरकार का ऑपरेशन सिंधु युद्ध जैसे हालात में भारतीयों को सुरक्षित निकालने का एक और उदाहरण बन गया है। ऐसे वक्त में जब मिसाइलें सिर के ऊपर से गुजर रही थीं, भारत ने अपने नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि वे अकेले नहीं हैं। बुजुर्ग दंपति की आपबीती न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि यह भी साबित करती है कि संकट के समय सरकार का त्वरित एक्शन कितना जरूरी और प्रभावशाली हो सकता है।
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