नई दिल्ली, 16 जुलाई 2025 – केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़ा फैसला लेते हुए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhanya Krishi Yojana)’ को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है। इस योजना के अंतर्गत 36 मौजूदा कृषि योजनाओं का समावेश करके एक समग्र रूप तैयार किया गया है, जिसमें हर वर्ष ₹24,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय होगा।
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए बताया कि यह कदम ‘किसानों की आय दोगुनी’ करने के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना के साथ-साथ कैबिनेट ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए ₹7,000 करोड़ की परियोजना को भी मंजूरी दी है।
योजना का उद्देश्य और ढांचा
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना‘ क्या है?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना केंद्र सरकार की एक एकीकृत कृषि योजना है जिसका उद्देश्य विभिन्न कृषि योजनाओं को एक मंच पर लाकर किसानों को आसान, समग्र और डिजिटल सेवा प्रदान करना है। इस योजना के तहत कृषि, सिंचाई, बीज वितरण, बाजार पहुंच, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, खाद्यान्न सुरक्षा जैसी कुल 36 योजनाओं को एकीकृत किया गया है।
वार्षिक बजट और फंडिंग मैकेनिज्म
कुल परिव्यय: ₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष
- यह खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा
- राज्य सरकारों को टेक्नोलॉजी सपोर्ट और योजना समन्वय में भागीदारी करनी होगी
- योजना का हिस्सा बनने वाली 36 योजनाओं के लिए वित्त मंत्रालय की बजटीय पुनर्संरचना की जाएगी
- योजना का प्रबंधन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत होगा
शामिल की गई 36 योजनाएं (प्रमुख उदाहरण):
योजना का नाम | उद्देश्य |
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पीएम-किसान सम्मान निधि | सालाना ₹6,000 की सीधी नकद सहायता |
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना | मिट्टी की गुणवत्ता परीक्षण और सुधार |
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना | सिंचाई क्षमता का विस्तार |
किसान क्रेडिट कार्ड योजना | फसल ऋण और बीमा कवरेज |
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन | खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना |
ई-नाम योजना | कृषि उपज के लिए डिजिटल बाजार |
कैबिनेट के अन्य निर्णय
एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को मिला ₹7,000 करोड़ का निवेश प्रोत्साहन
कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड को नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए ₹7,000 करोड़ की मंजूरी दी है। इस निवेश के माध्यम से कंपनी देशभर में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स स्थापित करेगी।
- प्रमुख लक्ष्य: 2030 तक 50% ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से
- स्थान: तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़
- रोज़गार: लगभग 15,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन
प्रेस वार्ता में क्या बोले मंत्री?
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया:
“प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत के किसानों को एक सुव्यवस्थित, समग्र और प्रभावी नीति से जोड़ने की ऐतिहासिक पहल है। यह भारत को आत्मनिर्भर कृषि अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
उन्होंने कहा कि इस योजना से न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि नवाचार, कृषि स्टार्टअप्स और डिजिटल एग्रीकल्चर को भी बढ़ावा मिलेगा।
संभावित प्रभाव और विश्लेषण
प्रभाव क्षेत्र | अनुमानित लाभ |
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किसान परिवार | 12 करोड़ लाभार्थी परिवार |
कृषि उत्पादन | 15–20% की वार्षिक वृद्धि |
कृषक आय | 2027 तक 2x वृद्धि का लक्ष्य |
राज्य सरकार सहयोग | कृषि विस्तार सेवाओं में सुधार |
डिजिटल एग्री समाधान | एप्स, पोर्टल्स, सैटेलाइट डेटा उपयोग |
योजना की डिजिटल रूपरेखा
‘वन नेशन, वन एग्री पोर्टल’
- सभी योजनाओं को एकीकृत करने हेतु एक राष्ट्रीय कृषि डिजिटल पोर्टल बनाया जाएगा
- यह पोर्टल किसानों को आवेदन, स्थिति जांच, लाभ वितरण आदि की रियल-टाइम जानकारी देगा
- भाषा विविधता और मोबाइल अनुकूलन सुनिश्चित किया जाएगा
- KYC और आधार लिंक से डुप्लीकेसी और फर्जीवाड़ा खत्म होगा
किसानों को सशक्त बनाने की ओर एक बड़ा कदम
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को 24,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के परिव्यय के साथ लागू करना सरकार की ओर से किसानों की आय में वृद्धि, पारदर्शिता, तकनीक आधारित वितरण और व्यावसायिक कृषि को प्रोत्साहित करने की दृढ़ पहल है।
कृषि विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं का मानना है कि इस योजना से न केवल किसानों को सशक्त किया जाएगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी।
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