लोगों की जिंदगियां संवार रहा आयुर्वेद, राजधानी के 5 अस्पताल सर्टिफाइड, ब्रिटेन में भी बढ़ी मांग
Edited by: Vandana Ravindra.
पिछले कुछ सालों में लोगों का एलोपैथी में विश्वास कम होने के साथ-साथ आयुर्वेद में विश्वास बढ़ा है। सरकार की तरफ से भी आयुर्वेद को बढ़ावा दिया जा रहा है। अस्पतालों में लोगों को बेहतर इलाज के साथ दवाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं।
यही वजह है कि, उत्तर प्रदेश में पहली बार एक साथ लखनऊ के पांच आयुर्वेद अस्पतालों को एनएबीएच प्रमाण पत्र दिया गया है। नेशनल एक्रीडेएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल ने राजधानी लखनऊ में 5 आयुर्वेदिक अस्पतालों को सर्टिफाइड किया है। इन पांचों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर या हेल्थ वेलनेस सेंटर, चंद्रावल दक्षिण शेखपुरा गोसाईगंज रसूलपुर और गुडब्बा शामिल हैं, इन सेंटर का संचालन वर्ष 2018 से किया जा रहा है।
ब्रिटिश के अलावा फ्रेंच और जर्मन छात्र भी बढ़े…
भारत ही नहीं यूरोपीय देश ब्रिटेन में भी आयुर्वेद तेजी से अपनाया जा रहा है। ब्रिटेन में भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना (एनएचएस) ने आयुर्वेद को शामिल करने की तैयारी शुरु कर दी है। ब्रिटेन की सर्वदलीय कमेटी ने आयुर्वेद को बेहतर पद्धति बताते हुए भारती चिकित्सा पद्धति की तारीफ की। संभावना जताई जा रही है कि, अगले 5 साल में यहां लगभग 10 हजार आयुर्वेदिक डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी।
खबर है कि, वहां अगले पांच साल में 500 संस्थाएं खुलने की योजना है। ब्रिटेन में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के मामले में ब्रिटेन के आयुर्वेद सेंटर फॉर एक्सीलेंस के अमरजीत सिंह ब्रह्मा ने कहा, “एनएचएस में आयुर्वेद को शामिल होने की प्रकिया जल्द पूरी हो जाएगी। इसके बाद भर्ती के लिए भारत से भी आवेदन लिए जाएंगे। ब्रिटिश कॉलेज फॉर आयुर्वेद में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या में इस साल 70% बढ़ गए हैं। दाखिला लेने वालों में ब्रिटिश छात्रों के बाद फ्रेंच और जर्मन छात्र हैं।