लखनऊ,10 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित धर्मांतरण रैकेट मामले में नया खुलासा हुआ है। ATS द्वारा गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नसरीन (नीतू वोहरा) ढाई महीने तक लखनऊ के विकास नगर स्थित एक गुमनाम होटल में बाप-बेटी बनकर रुके थे। होटल के मैनेजर ने बताया कि दोनों ने कई बार बुकिंग एक्सटेंड कराई और सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि पूरे समय वे किसी से ज्यादा मेलजोल नहीं रखते थे।
यह खुलासा तब हुआ जब दोनों को 5 जुलाई को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया। इससे पहले वे 16 अप्रैल को होटल में चेक-इन किए थे।
बाप-बेटी बनकर ली होटल में एंट्री, बदले कमरे, नहीं किया किसी से संपर्क
होटल के मैनेजर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि छांगुर बाबा और नसरीन ने रूम नंबर 102 बुक किया था। उन्होंने खुद को बाप-बेटी बताया था और पहले 4 दिन के लिए रुकने की बात की। बाद में वे एक हफ्ते और फिर हर बार 10-10 दिन की एक्सटेंशन लेते रहे।
- 3 जुलाई को उन्होंने कमरा बदला और रूम नंबर 104 में शिफ्ट हो गए।
- नसरीन होटल से केवल खाना लेने के लिए बाहर निकलती थी।
- दोनों का व्यवहार बेहद संदिग्ध था, लेकिन उन्होंने कभी किसी तरह की परेशानी नहीं की।
- होटल स्टाफ को कभी शक नहीं हुआ कि ये दोनों किसी बड़े अपराध में शामिल हो सकते हैं।
विकास नगर की गली में बना होटल, एटीएस की कार्रवाई से पहले छांगुर का अड्डा
छांगुर बाबा ने पुलिस की सख्ती के बाद लखनऊ के विकास नगर की एक संकरी गली में बने इस गुमनाम होटल को अपना अस्थायी ठिकाना बनाया। यह होटल पॉलिटेक्निक से सीतापुर रोड की ओर रिंग रोड से महज 50 मीटर अंदर स्थित है। करीब ढाई महीने तक छांगुर और नसरीन ने यहीं से अपना नेटवर्क संभाला और धर्मांतरण की साजिश रचते रहे।
कौन है नसरीन? कैसे नीतू से बन गई धर्मांतरण गिरोह की सहयोगी
तमिलनाडु की रहने वाली नीतू वोहरा, शादी के बाद मुंबई में अपने पति नवीन वोहरा के साथ रह रही थी। नीतू को बच्चा नहीं हो रहा था, इसी दौरान एक परिचित ने उसकी मुलाकात छांगुर बाबा से कराई, जिसे ‘पीर बाबा’ बताया गया।
छांगुर बाबा ने तंत्र-मंत्र और चमत्कारों की आड़ में नीतू को अपने जाल में फंसा लिया।
- धीरे-धीरे उसका धर्म परिवर्तन कराया गया और वह नसरीन बन गई।
- उसके पति नवीन वोहरा को भी जमालुद्दीन बना दिया गया।
- इसके बाद दोनों पति-पत्नी छांगुर बाबा के साथ मिलकर धर्म परिवर्तन नेटवर्क का हिस्सा बन गए।
धर्मांतरण की फिक्स रेट लिस्ट: गरीब लड़कियों को टारगेट करता था गिरोह
जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा और उसका गिरोह गरीब, पिछड़ी जातियों की लड़कियों को लालच और झांसे में लेकर धर्म बदलवाता था।
- लड़कियों को इस्लाम में कन्वर्ट कराने के लिए लाखों रुपये दिए जाते थे।
- जातियों के अनुसार रेट लिस्ट तय थी – मतलब ब्राह्मण, ठाकुर या यादव लड़की का रेट अलग, अनुसूचित जाति का अलग।
- इन लड़कियों को बाद में मुस्लिम युवकों से शादी करवा दी जाती थी या उन्हें दूसरे शहरों में भेजा जाता था।
बलरामपुर की कोठी पर चला बुलडोजर, नसरीन के नाम पर थी संपत्ति
5 जुलाई की गिरफ्तारी के बाद ATS ने छांगुर बाबा के नेटवर्क की पड़ताल शुरू की।
- बलरामपुर स्थित एक आलीशान कोठी, जहां से बाबा अपना ऑपरेशन चला रहा था, बुलडोजर कार्रवाई में ढहा दी गई।
- यह कोठी नसरीन के नाम पर थी और अवैध निर्माण श्रेणी में पाई गई थी।
- वहां से बाबा ने न केवल अंगूठी बेचने का काम किया बल्कि ‘धार्मिक चमत्कार’ का दिखावा कर लोगों को अपने विश्वास में लिया।
बाबा के बेटे की भी गिरफ्तारी, गिरोह के अन्य सदस्य जांच के घेरे में
ATS ने इस मामले में छांगुर बाबा और नसरीन के अलावा बाबा के बेटे को भी गिरफ्तार किया है।
- फिलहाल इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
- शुरुआती जांच में यह बात भी सामने आई है कि इस नेटवर्क की पहुंच देश के कई राज्यों तक फैली थी, जिसमें मुंबई, दिल्ली, भोपाल और लखनऊ जैसे बड़े शहर शामिल हैं।
विपक्ष ने साधा निशाना, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
इस मामले के उजागर होने के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
- कांग्रेस और सपा नेताओं ने पूछा कि दो महीने तक एक संदिग्ध व्यक्ति राजधानी के होटल में रह रहा था और खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
- कुछ नेताओं ने इसे इंटेलिजेंस फेलियर करार दिया और धर्मांतरण जैसे गंभीर मामले को लेकर सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए।
पुलिस का बचाव: ‘सटीक सूचना मिलते ही की गई कार्रवाई’
उत्तर प्रदेश ATS और स्थानीय पुलिस का कहना है कि जैसे ही उन्हें पुख्ता सूचना मिली, उन्होंने 5 जुलाई को त्वरित कार्रवाई करते हुए होटल में दबिश दी और दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
- होटल के रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों में दोनों ने फर्जी पहचान दी थी, जिससे उनके असली नाम और गतिविधियां छुपी रहीं।
- पुलिस का दावा है कि छांगुर बाबा धर्मांतरण गिरोह का मास्टरमाइंड है और उसके नेटवर्क को जल्द ही पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा।
धर्म और पहचान की आड़ में एक बड़ा षड्यंत्र
छांगुर बाबा और नसरीन का मामला यह साबित करता है कि कैसे लोग धार्मिक विश्वासों और व्यक्तिगत समस्याओं का फायदा उठाकर भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाते हैं।
लखनऊ के होटल में ‘बाप-बेटी’ बनकर छिपना केवल गिरफ्तारी से बचने की साजिश नहीं, बल्कि उनके गिरोह की प्लानिंग और शातिरपना का भी सबूत है।
यह मामला न केवल कानून व्यवस्था, बल्कि सामाजिक ताने-बाने और धार्मिक विश्वासों पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। अब यह देखना होगा कि पुलिस आगे कितनी तेजी से इस नेटवर्क को तोड़ती है और इससे जुड़े सभी लोगों को सजा दिलाती है।
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