Edited by: Vandana Ravindra.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश पर जज यशवंत वर्मा के ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है। अब डॉ. यशवंत दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज के रूप में कार्यभार संभालेंगे
डॉ. यशवंत, इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज के रूप में कार्यभार संभालेंगे। दरअसल, जज यशवंत वर्मा के ट्रांसफर का ये फैसला उस विवाद के बीच लिया गया, जब उनके सरकारी आवास में आग लगने के बाद बड़ी मात्रा में कैश मिलने की खबर आई थी। कैश मिलने के मामले की जांच के लिए भारत के सीजेआई संजीव खन्ना ने 22 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ तीन सदस्यीय आंतरिक जांच शुरू की थी।
आंतरिक जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े कैश कांड मामले में आंतरिक जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल में- पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अनु शिवरामन शामिल हैं. यह जांच संविधान के तहत महाभियोग की प्रक्रिया से अलग है.
जज यशवंत पर आरोप है कि उनके आधिकारिक आवासीय परिसर से करेंसी नोटों की गड्डियां पाई गई। जहां 14 मार्च को आग लग गई थी। नोटों की ये गड्डियां आग बुझाने वाली फायर ब्रिगेड की टीम ने स्टोर रूम में देखी थीं। आग की चपेट में आने से बहुत सारे नोट जल गए थे।