लखनऊ | नेपाल में उत्पन्न संकट के बीच बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए थे। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली और अन्य राज्यों के लोग शामिल हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लगातार प्रयासों से अब तक 251 भारतीय सुरक्षित वापस लौट चुके हैं, जबकि 409 से अधिक लोगों ने मदद की गुहार लगाई है। विशेष कंट्रोल रूम में लगातार कॉल आ रही हैं और सोशल मीडिया पर संदेश भेजकर भी लोग सहायता मांग रहे हैं।
कंट्रोल रूम बना जीवनरेखा
गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा स्थापित विशेष कंट्रोल रूम इन फंसे भारतीयों के लिए जीवनरेखा साबित हो रहा है। केवल शुक्रवार को ही कंट्रोल रूम में करीब 30 कॉल दर्ज की गईं। इन कॉल्स में अधिकांश लोग भोजन, दवाइयों और सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे थे।
डीजीपी राजीव कृष्ण लगातार गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों से संवाद कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर संभव प्रयास कर सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाएगी।
सोशल मीडिया से भी मिल रही मदद
कंट्रोल रूम के अलावा, सोशल मीडिया भी इस संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ट्विटर (X), फेसबुक और व्हाट्सऐप के माध्यम से कई लोग अपनी लोकेशन और स्थिति साझा कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन तुरंत इन संदेशों पर कार्रवाई कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन से संपर्क साधकर लोगों की मदद कर रहे हैं।
अब तक की स्थिति
- कुल मदद की गुहार: 409 लोग
- सुरक्षित वापसी: 251 लोग
- कॉल की संख्या: 30 कॉल (केवल शुक्रवार को)
- सोशल मीडिया संदेश: प्रतिदिन दर्जनों
पेट्रोल-डीजल की सप्लाई शुरू
नेपाल संकट का असर केवल नागरिकों की आवाजाही पर ही नहीं बल्कि ईंधन और खाद्य पदार्थों की आपूर्ति पर भी पड़ा। कई इलाकों में पेट्रोल-डीजल की भारी कमी थी जिससे परिवहन ठप पड़ गया था। अब धीरे-धीरे सप्लाई शुरू की गई है, लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य होने में समय लगेगा।
खाद्य संकट गहराया
नेपाल में फंसे भारतीयों की एक बड़ी चिंता खाद्य पदार्थों की कमी भी रही। कई लोगों ने कंट्रोल रूम और सोशल मीडिया पर बताया कि उनके पास राशन और पीने का पानी बेहद सीमित मात्रा में बचा है। प्रशासनिक अधिकारी स्थानीय स्तर पर राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि लोगों को भूखे न रहना पड़े।
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भारतीय सरकार और यूपी प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
नेपाल संकट की खबर मिलते ही भारतीय गृह मंत्रालय, यूपी सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त रूप से त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी।
- कंट्रोल रूम की स्थापना:
- लखनऊ और गोरखपुर में विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए।
- इन नंबरों पर फोन करने वालों की पहचान, लोकेशन और संपर्क विवरण दर्ज किया गया।
- स्थानीय प्रशासन से समन्वय:
- नेपाल सरकार और वहां के स्थानीय प्रशासन से बातचीत की गई।
- सीमा पार स्थित जिलों में विशेष टीमें लगाई गईं।
- सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था:
- सीमावर्ती जिलों में विशेष बसें और गाड़ियां तैनात की गईं।
- वापसी करने वालों के लिए अस्थायी कैंप बनाए गए।
राजनयिक स्तर पर प्रयास
नेपाल संकट को देखते हुए भारतीय दूतावास और नेपाल सरकार के बीच भी लगातार वार्ता चल रही है। दूतावास के अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर फंसे भारतीयों की सूची तैयार कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं।
मानवता का परिचय देते स्थानीय लोग
इस संकट के बीच नेपाल के कई स्थानीय नागरिक भी मदद के लिए आगे आए। कई लोगों ने अपने घरों में फंसे भारतीयों को खाना, पानी और अस्थायी आश्रय दिया। यह मानवीय पहल भारत-नेपाल के आपसी संबंधों की मजबूती को दर्शाती है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अपीलें
भारत और नेपाल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगातार #NepalCrisis और #HelpIndiansInNepal जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। फंसे भारतीय अपने परिवार से संपर्क साधने के लिए इन प्लेटफॉर्म्स का सहारा ले रहे हैं।
कई वीडियो और तस्वीरें भी वायरल हुई हैं जिनमें लोगों ने दिखाया कि किस तरह वे भोजन और पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
परिवारों की बेचैनी
भारत में रह रहे परिवारों के लिए यह संकट भावनात्मक चुनौती बन गया है। कई परिवार अपने परिजनों से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। जिनके प्रियजन सुरक्षित लौट आए, उन्होंने सरकार और प्रशासन का आभार जताया है। वहीं जिनके परिजन अभी भी फंसे हुए हैं, वे बेचैनी के साथ उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
अर्थव्यवस्था पर असर
नेपाल संकट ने वहां की अर्थव्यवस्था और व्यापार को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।
- पर्यटन क्षेत्र: हजारों पर्यटक नेपाल की यात्रा रद्द कर चुके हैं।
- परिवहन: पेट्रोल-डीजल की कमी से ट्रांसपोर्ट ठप हो गया।
- व्यापार: भारत-नेपाल सीमा पर मालवाहन गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई।
इसका असर न केवल नेपाल बल्कि भारतीय सीमा से जुड़े जिलों पर भी पड़ा है।
आगे की रणनीति
डीजीपी राजीव कृष्ण ने स्पष्ट किया है कि जब तक हर भारतीय सुरक्षित घर नहीं लौटता, तब तक प्रयास जारी रहेंगे।
- कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहेगा।
- नेपाल सरकार और स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क बना रहेगा।
- जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त परिवहन साधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
नेपाल संकट में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी प्रशासन और सरकार की प्राथमिकता है। अब तक 251 लोग सकुशल लौट चुके हैं और बाकी की मदद के प्रयास जारी हैं। यह संकट न केवल सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी एकजुटता और सहयोग की परीक्षा बन गया है।
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