लखनऊ, 2 जुलाई 2025:
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्तर प्रदेश इकाई में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर सियासी हलचल चरम पर है। सूत्रों के अनुसार, यह चुनाव तीसरे चरण में आयोजित किया जाएगा, जिसमें सिर्फ यूपी नहीं बल्कि गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा समेत नौ प्रमुख राज्यों में संगठनात्मक फेरबदल होगा।
मौजूदा स्थिति और आगामी प्रक्रिया
- भाजपा संगठन के 37 राज्यों में से 22 में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव पूर्ण हो चुका है।
- पार्टी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिये कम से कम 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुने जाना अनिवार्य है। अभी तक 22 चयन पूरे हो चुके हैं।
- यूपी सहित छह अन्य राज्यों में अगले दो दिनों में दूसरे चरण के चुनाव की तैयारी जोरों पर है।
चुनाव की टाईमिंग: विदेश यात्रा और RSS बैठक से पहले

– पीएम नरेंद्र मोदी की पांच देशों की आठ दिवसीय विदेश यात्रा बुधवार से शुरू हो रही है। इसके अलावा RSS की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक शुक्रवार से निर्धारित है। पार्टी आलाकमान की योजना इन दोनों कार्यक्रमों से पहले नए प्रदेश अध्यक्षों पर सहमति हासिल करने की है।
यूपी अध्यक्ष चुनने में कौन होगा अग्रणी चेहरा?
बीजेपी आलाकमान और संगठन दोनों विचार-विमर्श में व्यस्त हैं। खास तौर पर ओबीसी या दलित चेहरे पर विचार हो रहा है, हालांकि इस मुद्दे पर असमंजस भी बना हुआ है। चर्चा में जो नाम प्रमुख रूप से उभरकर सामने आ रहे हैं, वे हैं:
- धर्मपाल सिंह लोधी — वर्तमान में केंद्रीय मंत्री पद पर आसीन, ओबीसी समाज से संबद्ध हैं।
- स्वतंत्र देव सिंह — वरिष्ठ नेता, प्रख्यात ओबीसी प्रतिनिधित्व करते हैं।


रणनीतिक लक्ष्य: 2027 विधानसभा चुनाव
बीजेपी आलाकमान इस चुनाव को आगामी 2027 के विधानसभा चुनावों की जीत के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से दक्ष और मजबूत संगठनात्मक नेतृत्व प्रदान करने का अवसर मान रहा है। पार्टी की मंशा है कि नया प्रदेश अध्यक्ष उसी आधार पर चुना जाए जो संगठन को अगले चुनाव में मजबूती प्रदान करे।
तीसरे चरण: नौ राज्यों की एक साथ कार्यवाही
तीसरे चरण में शामिल उन नौ राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित तरीके से पूरा किया जाएगा:
राज्य | महत्व |
---|---|
उत्तर प्रदेश | सबसे अहम, रणनीतिक लोकतांत्रिक केंद्रित |
गुजरात | सामान्य चुनाव पूर्वी गठबंधन से पक्षपात |
कर्नाटक | कल्याणकारी प्रदेश, नेता चयन महत्वपूर्ण |
दिल्ली | हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत |
हरियाणा | पंचायत और विधानसभा चुनाव की तैयारी |
अन्य चार राज्य | संगठनात्मक संकल्प में गहरी भूमिका |
केन्द्र–राज्य सतर्कता और RSS की भूमिका

बीजेपी–RSS की विचारशील बैठक जारी है जिसके तहत राज्य अध्यक्षा चयन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हार्दिक–फैक्शनल समीकरणों को ध्यान में रखते हुए चयन की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व भी इस प्रक्रिया में सक्रिय है और गहन समन्वय कर रहा है।
चुनावी समीकरण और जातीय संतुलन
बीजेपी की रणनीति स्पष्ट है—पीछड़ा, दलित, ऊँचेरास्ट (PDA) गठबंधन को मजबूत बनाना। इस परिपेक्ष्य में पार्टी ने PDA कॉन्सेप्ट को ‘Pichhda, Dalit, Agda’ (OBC, SC, Upper-caste) के रूप में विकसित कराया ताकि दलित वोटबैंक तथा OBC समर्थन के बीच सामंजस्य स्थापित हो सके।
स्थानीय समीकरणों को देखते हुए, बीजेपी आरएसएस और विभिन्न जाति समूहों को एक मंच पर लाने की कवायद कर रही है।
प्रक्रिया जल्द पूरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव का रास्ता सुगम
UP समेत कुल 22 राज्यों के अध्यक्ष चयन के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता स्वच्छ हो गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन राज्य इकाइयों की संख्या और कार्यसमिति के अनुपात के अनुसार होगा। पार्टी का अनुमान है कि जल्द ही इस पूरी चुनाव प्रक्रिया को अंतिम मोड़ दिया जाएगा।
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