मनु भाकर के पिता की नाराजगी के बाद जागा NRAI, खेल रत्न अवॉर्ड के लिए भेजा मनु का नाम…
Edited By: Vandana Ravindra.
खेल रत्न अवॉर्ड लिस्ट में नाम न होने के विवाद बढ़ता देख आखिरकार शूटर मनु भाकर ने चुप्पी तोड़ दी है। मनु ने कहा कि, ‘मेरा मानना है कि नामांकन दाखिल करते समय शायद मेरी ओर से कोई चूक हुई है, जिसे ठीक किया जा रहा है।
भाकर ने कहा कि, ‘मैं अवॉर्ड के लिए उत्साहित हूं, लेकिन वह मेरा अंतिम लक्ष्य नहीं है। मैं अपने देश के लिए और अधिक पदक मेडल जीतने की कोशिश करती रहूंगी।’ आइये जानते हैं कि, ये विवाद शुरु कैसे हुआ। दरअसल, नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने खेल रत्न अवॉर्ड के लिए जो लिस्ट भेजी थी उसमें भाकर का नाम नहीं था। जिसको लेकर चर्चा शुरु हो गयी। मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर ने कहा था कि, खेल रत्न अवॉर्ड के लिए मनु की उपेक्षा की गई है। मनु ने अवॉर्ड के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया। भारत में ओलिंपिक खेलों की अहमियत नहीं है। देश के लिए खेलने और पदक जीतने का क्या फायदा, जब सम्मान के लिए हाथ फैलाना पड़े। वह पिछले दो-तीन साल से लगातार सारे पुरस्कारों के लिए आवेदन कर रही है और मैं इसका गवाह हूं।
मनु के पिता के इस बयान के बाद नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड की नॉमिनेशन लिस्ट विवादों आ गई। और विवाद के बाद एसोसिएशन नॉमिनेशन के लिए खुद खेल मंत्रालय के पास पहुंच गयी। जिसके बाद खेल मंत्रालय ने भी मनु के नॉमिनेशन की तैयारी शुरु कर दी है। माना जा रहा है कि, सरकार, मनु भाकर को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड दे सकती है। मंत्रालय आर्टिकल 5.1 और 5.2 के तहत मनु को नॉमिनेट कर सकता है। इस नियम के मुताबिक, अगर खिलाड़ी खेल रत्न के लिए दी गई गाइडलाइंस को पूरा करता हो तो वो खुद ही अपना नाम अवॉर्ड के लिए भेज सकता है। इसके अलावा मंत्रालय के पास भी ऐसे 2 नाम भेजने के अधिकार होते हैं। हालांकि, खेल मंत्रालय के सूत्र का कहना है कि, ‘अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक हफ्ते में पुरस्कारों का खुलासा हो सकता है। खेल मंत्री एक या दो दिन में इस पर फैसला लेंगे।
वहीं अब, विवाद के बाद फाइनल लिस्ट में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है।’ इसमें खेल रत्न, पद्मश्री और पद्म भूषण सम्मान शामिल है। बताते चलें कि, मनु ने अगस्त-सितंबर महीने में आयोजित पेरिस ओलंपिक गेम्स में देश के लिए डबल ओलंपिक मेडल जीता था। वे 10 मीटर एयर पिस्टल इंडीविजुअल और मिक्स्ड डबल्स में तीसरे स्थान पर रहीं थीं। उनके दो मेडल के दम पर भारत ने पेरिस ओलिंपिक में कुल 6 मेडल अपने नाम किए थे।