115 साल तक जीने की थी ख्वाहिश, 89 साल की उम्र में ओम प्रकाश चौटाला ने दुनिया को कह दिया अलविदा…
Edited by: Vandana Ravindra.
हरियाणा की राजनीति का एक उजला सितारा आज बुझ गया। प्रदेश के पांच बार मुख्यमंत्री और इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला का आज निधन हो गया। चौटाला के निधन की खबर फैलते ही राजनीति जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
गौरतलब है कि, कुछ महीने पहले ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए हैं। इस चुनाव में चौटाला ने काफी सक्रिय भूमिका निभाई थी। चुनावी कैंपेन के दौरान चौटाला ने कहा था कि, अभी मैं स्वस्थ हूं और उन्होंने कहा था कि, मैं 115 साल तक जिऊंगा। लेकिन 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। हरियाणा में सीएम की कुर्सी पर पांच बार आसीन होने के चलते हरियाणा की राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला की गिनती बड़े दिग्गजों में होती है। ओपी चौटाला के राजनीतिक सफर की बात करें तो, युवावस्था से ही राजनीति में सक्रिय रहने वाले चौटाला हरियाणा की जनता में काफी लोकप्रिय थे। दूसरी और चौथी बार जब सीएम बने तो जुलाई में ही सत्ता संभाली।
बता दें कि, 12 जुलाई 1990 को ओपी चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के पांच दिनों बाद ही 17 जुलाई 1990 को किसी कारणवश त्यागपत्र देना पड़ा था। और हुकम सिंह को मुख्यमंत्री पद मिल गया था। उस समय उनके पिता चौधरी देवी लाल देश के उप प्रधानमंत्री थे। 2 दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे। पद से हटने के कुछ दिनों बाद ही उन्होंने सिरसा की तत्कालीन दरबाकलां सीट से उपचुनाव जीता था। इसके बाद 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार मुख्यमंत्री बने।
केवल दो हफ्ते यानी पांच अप्रैल तक ही इस पद पर रह सके, क्योंकि उस समय के राज्यपाल की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। 24 जुलाई 1999 में चौटाला चौथी बार मुख्यमंत्री बने, जब तत्कालीन बंसीलाल की हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार से पहले भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद हविपा में ही फूट पड़ गई। दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उस समय चौटाला पूरे पांच साल यानी मार्च 2005 तक मुख्यमंत्री रहे थे।
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