शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन केन्द्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने की बहस की शुरुआत, विपक्ष के आरोपों पर किया पलटवार…
Edited by: Vandana Ravindra.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने संविधान पर दूसरे दिन बहस की शुरुआत की। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी केंद्र की ओर से बोलेंगे। बहस की शुरुआत करते हुए रिजिजू ने कहा कि, भारत न केवल अल्पसंख्यकों को कानूनी सुरक्षा देता है, बल्कि इसको लेकर सकारात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान करता है।
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा, “जबकि भारत ने सभी को एक जैसा मतदान का अधिकार है, कुछ लोग दावा करते हैं कि, देश में अल्पसंख्यकों को कोई अधिकार नहीं है।” कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा, “रक्षा मंत्री ने कहा था कि, पूर्वोत्तर राज्यों के पास के क्षेत्रों में सड़कें नहीं बनाई जाएंगी, ताकि चीनी घुसपैठ को रोका जा सके।” इस बयान से लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया और विपक्षी सांसदों ने उठकर अपने तर्क रखे।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि, “…मैं ऐसे क्षेत्र से आता हूं जहां मैंने पहले हवाई जहाज और बाद में कारें देखी हैं क्योंकि मेरे सांसद बनने के बाद ही कारों के लिए सड़कें बनीं। जब प्रधानमंत्री ने मुझे उस स्थान पर बैठने का मौका दिया, जहां बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बैठे थे। जब मैं इस देश का कानून मंत्री बना। कानून मंत्री का पद संभालने से पहले मैंने सबसे पहले यह समझने की कोशिश की कि बाबा साहब अंबेडकर क्या चाहते थे, उनके मन में कौन सी बातें और विचार थे जो वो नहीं कर सकते थे।
मेरे दिमाग में सबसे पहली बात यही आई कि, बाबा साहब अंबेडकर इस देश के पहले कानून मंत्री बने लेकिन उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, इस बारे में अक्सर लोगों के सामने चर्चा नहीं होती। मैंने वो पत्र पढ़ा जो बाबा साहब अंबेडकर ने पंडित नेहरू जी को लिखा था जो उस समय प्रधानमंत्री थे…हमारा संविधान न केवल दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है बल्कि दुनिया का सबसे सुंदर संविधान भी है।”