Edited by: Vandana Ravindra.
गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में भी किया जाएगा। ये आदेश सीएम योगी ने दिया। दरअसल, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 4 अप्रैल को अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में पशुपालन विभाग और दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की।
निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस प्रयास
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। साथ ही, गोबर से बने हुए प्राकृतिक पेंट का उपयोग सरकारी भवनों में भी करने और पेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। सीएम ने कहा कि, पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह क्षेत्र केवल दुग्ध उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की भी पूरी सम्भावनाएं हैं. तकनीक, निवेश और कम्यूनिकेशन को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और अधिक सशक्त किया जाना चाहिए।
सीएम को गौशालयों की स्थिति के बारे में बताया
बैठक में सीएम को गौशालयों की स्थिति के बारे में बताया गया। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि, मौजूदा समय में प्रदेश के 7,693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश की सेवा की जा रही है। इनकी निगरानी CCTV कैमरों से की जा रही है और समय-समय पर निरीक्षण भी किया जाता है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि, गो आश्रय स्थलों में केयर टेकर को तैनात कर उन्हें समय से मानदेय भुगतान, भूसा बैंक बनें, पानी, हरे चारे और चोकर की ठीक प्रकार से दिया जाए। साथ ही यहां समय-समय पर जानवरों के डॉक्टरों को निगरानी पर रखा जाए।
सीएम ने कहा कि, ये भी बताया कि, गरीब परिवारों को ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत गाय बांटी जाए। जिससे गरीब परिवारों के बच्चों को दूध भी मिलेगा साथ ही गौसेवा का भी पुण्य मिलेगा।
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