Edited by: Vandana Ravindra.
10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को पाकिस्तान अपने कूटनीतिक जीत के रूप में प्रचारित करने वाले पाकिस्तान की सरकार और सेना को बीती शाम पीएम मोदी ने करारा जवाब दिया।
वैश्विक दबाव में भारत को पीछे हटना पड़ा- पाकिस्तान
दरअसल, सीजफायर के एलान के बाद पाकिस्तान लगातार अपने देशवासियों के बीच इस बात का दावा करता रहा था, कि वैश्विक दबाव में भारत को पीछे हटना पड़ा। पाकिस्तानी मीडिया और नेताओं के झूठे दावों के बाद वहां जश्न का माहौल था। इधर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ये मुश्किल भरा निर्णय और समय था। क्योंकि, बीजेपी समर्थक और पूर्व सैन्य अधिकारी भी इसे आतंकवाद के खिलाफ अधूरी कार्रवाई मान रहे थे और तो और देशवासियों समेत विपक्ष भी लगातार सवाल कर रहा था।
पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया
इसको लेकर बीती शाम यानि 12 मई को रात 8 बजे सीजफायर के 2 दिन बाद पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। 20 मिनट के स्पीच में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आतंकवाद के खिलाफ भारत के अडिग रुख पर बात की। पीएम मोदी ने साफ कहा कि, अब पाकिस्तान से सिर्फ टेरर और पीओके पर बात होगी। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री है जहां से पूरी दुनिया को टेररिस्ट सप्लाई होते रहे हैं. उन्होंने अमेरिका और लंदन हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि, इन घटनाओं में भी आतंकियों की सप्लाई पाकिस्तान से ही हुई थी। आज का भारत किसी भी कीमत पर आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा। उनका साफ इशारा था कि दुनिया भले ही ऐसी घटनाओं पर चुप रहे पर भारत कार्रवाई के लिए किसी भी हद तक जाएगा।
क्लियर ब्लेकमेलिंग में नहीं झुकने वाला – पीएम
जरूरत होने पर भारत फिर से वही एक्शन दुहराएगा। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी न्यूक्लियर ब्लेकमेलिंग में नहीं झुकने वाला है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने भारतीय सेनाओं और सशस्त्र बलों को सैल्यूट करते हुए पाकिस्तान के लिए उसकी हदें तय करके अमेरिका को संदेश दे दिया। मोदी ने कहा कि टेरर और ट्रेडिंग, टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते हैं। पीएम मोदी ने जिस तरह भारत में स्वदेशी हथियारों की तारीफ की उससे पाकिस्तान ही नहीं अमेरिका को भी साफ संदेश दिया कि, भारत अब अपनी सुरक्षा खुद कर सकता है। जाहिर है, पाकिस्तान को धूल चटाने में ब्रह्मोस मिसाइलों की सबसे अहम भूमिका रही है. ब्रह्मोस का निर्माण भारत में ही रूस के सहयोग से हुआ है. हालांकि पीएम मोदी ने न ब्रह्मोस की चर्चा की और न ही रूस का नाम लिया पर दुनिया को संदेश दे ही दिया की भारत में बने हथियार अब युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. भारत अब आधुनिक हथियारों के लिए अमेरिका जैसे देशों पर निर्भर नहीं है।
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