हाथरस सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिले राहुल गांधी, सत्ता पक्ष ने जमकर की आलोचना…
Edited by: Ankur Bajpai.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सितंबर 2020 में कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मुलाकात की, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सुबह करीब 11.15 बजे बूल गढ़ी गांव पहुंचे। इस दौरान जिले के चंदपा इलाके में गांव और उसके आसपास पुलिस तैनाती बढ़ा दी गयी।
गांधी ने परिवार के साथ उनके घर पर करीब 35 मिनट बिताए और उनसे बातचीत की। वहीं राहुल गांधी की पीड़िता के परिवार से मुलाकात को लेकर कांग्रेस के पूर्व हाथरस प्रमुख चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने संवाददाताओं से कहा कि, “राहुल गांधी का इस परिवार से रिश्ता है। वह हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं और आगे भी खड़े रहेंगे। आज वह उनकी समस्याएं सुनने आए हैं। वह लगातार उनकी समस्याओं के लिए लड़ रहे हैं।” “राहुल जी और प्रियंका जी ऐसे नेता हैं जो देशभर में पीड़ित लोगों के संपर्क में हैं। राहुल जी इस परिवार के संपर्क में भी हैं।”
गौरतलब है कि, पिछले महीने, कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष ने पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए हिंसा प्रभावित संभल जिले में जाने की कोशिश की थी, लेकिन राज्य सरकार ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर उन्हें रोक दिया था। स्थानीय अधिकारियों ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर 10 दिसंबर तक जनप्रतिनिधियों समेत बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी थी।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राहुल गांधी के दौरे की आलोचना करते हुए कहा कि, वह “भ्रमित” हैं और “मामले की स्थिति से अवगत नहीं हैं”। पाठक ने कहा, “सीबीआई ने पहले ही इस मामले की जांच कर ली है। भाजपा शासन में किसी भी अपराधी को छूटने नहीं दिया जाता है।” “चाहे संभल हो या हाथरस, वह (गांधी) केवल सुर्खियों में रहने के लिए वहां जाते रहते हैं, किसी अन्य कारण से नहीं।” यही नहीं यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, “अगर उन्हें मामले के तथ्यों की जानकारी नहीं थी, तो उन्हें पता होना चाहिए कि सीबीआई जांच बहुत पहले हो चुकी है।” “अगर उन्हें किसी उच्च जांच अधिकारी के बारे में पता है, तो उन्हें हमें बताना चाहिए। इस तरह के दौरे कांग्रेस की हताशा को दर्शाने वाले महज नौटंकी हैं।”
बताते चलें कि, इससे पहले राहुल और प्रियंका गांधी ने 3 अक्टूबर, 2020 को परिवार से मुलाकात की थी और घोषणा की थी कि वे मृतका को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे। 19 वर्षीय महिला के साथ 14 सितंबर, 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। उसे इलाज के लिए अलीगढ़ और बाद में दिल्ली ले जाया गया, जहाँ 29 सितंबर, 2020 को उसकी मौत हो गई। 30 अक्टूबर की सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। पूरे मामले में इतनी जल्दबाजी होने के चलते पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया था। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना था कि, दाह संस्कार “परिवार की इच्छा के अनुसार” किया गया था। मामले में प्रारंभिक पुलिस जांच के बाद सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी और सभी चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
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