पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर राजकीय शोक, सात दिन यूपी में नहीं होगा कोई जश्न…
Edited by: Vandana Ravindra.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का बीती रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। पूर्व पीएम के निधन की खबर सुनते ही राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गयी। दरअसल, पूर्व पीएम ने 92 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में उम्र संबंधी तकलीफों की वजह से गुरुवार रात 8:06 बजे भर्ती कराया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को रात 9:51 बजे मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं पूर्व पीएम के निधन के चलते दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश में भी सात दिनों के लिए राजकीय शोक की घोषणा की गई है। राष्ट्रीय शोक 26 दिसंबर से शुरु होकर 1 जनवरी तक चलेगा। इसको लेकर यूपी सरकार की तरफ से आदेश भी जारी कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में इन सात राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और राज्य सरकार इन सात दिनों में किसी मनोरंजक कार्यक्रम का आयोजन नहीं करेगी। केंद्र सरकार ने कल ही सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया था। शुक्रवार को यूपी सरकार ने भी सात दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया।
गौरतलब है कि, मनमोहन सिंह प्रखर अर्थशास्त्री थे। 1991 में देश में शुरू किए गए आर्थिक उदारीकरण के वे शिल्पकार रहे। 2004 से 2014 तक वे प्रधानमंत्री रहे। साल 1954 में उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। इसके बाद साल 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इकॉनमिक्स ट्रिपोस (तीन साल का डिग्री प्रोग्राम पूरा किया। वहीं साल 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल की उपाधि ली। फिर साल 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार में शामिल हुए। और साल 1972 वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए। फिर साल 1980 से 82 तक योजना आयोग के सदस्य रहे और साल 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। फिर साल 1985 से 87 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में काम किया।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह साल 1987 से 90 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव रहे फिर साल 1990 में आर्थिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार नियुक्त हुए। और 1991 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। इसके बाद साल 1991 में असम से राज्यसभा के लिए चुने गए और 1995, 2001, 2007 और 2013 में फिर से चुने गए। फिर साल 1991 से लेकर साल 1996 तक पी. वी. नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री नियुक्त हुए। वहीं साल 1998 से 2004 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे। और 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।