अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आज यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में योगासन किया। उन्होंने देश-प्रदेश को स्वस्थ रहने के लिए योग को जीवन में अपनाने का मंत्र भी दिया।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 11वें योग दिवस के मौके पर गोरखनाथ मंदिर में सामूहिक योग सत्र में विभिन्न योगासनों को परफॉर्म किया। इसके अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गाजियाबाद और ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में योग दिवस कार्यक्रमों में शिरकत कर योगासन किया। बताया जा रहा है कि, सुबह 6 बजे से शुरू हुए योग सत्र में करीब 1500 लोगों ने भाग लिया। योगा दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी भगवा ड्रेस में नजर आए।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के मौके पर कहा कि योग ऋषि परंपरा का ऐसा मंत्र है, जो स्वस्थ काया के साथ स्वस्थ मस्तिष्क उपलब्ध कराता है। प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों ने योग को महत्वपूर्ण बताया है। सीएम योगी ने कहा कि, भारतीय मनीषियों ने माना है कि शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम यानी जितने भी धर्म के साधन हैं, सबकी प्राप्ति स्वस्थ शरीर से ही हो सकती है। स्वस्थ शरीर के बिना धर्म का कोई भी कार्य संभव नहीं हो सकता है। धन की प्राप्ति के लिए भी स्वस्थ शरीर का साथ आवश्यक है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि योग हमारे शरीर को निरोग रखता है। स्वस्थ शरीर से ही हम कामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं। उन्होंने इस मौके पर तमाम लोगों को इस दिवस की बधाई दी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज योग जन-जन तक पहुंचा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर योग को बढ़ाया है। आज 190 देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने योग पार्क का जिक्र करते हुए कहा कि दैनिक स्वास्थ्य अभ्यास के लिए इसका विकास किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में 100 से अधिक योग पार्क विकसित किए गए हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि स्वस्थ्य शरीर से आध्यात्मिक उन्नति होती है। योग इसका माध्यम है। योग को लोक कल्याण का मार्ग बनाकर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया गया है। यह एक लंबी परंपरा है। गोरखनाथ मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इसके अलावा सांसद रवि किशन और मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी पहुंचे। सीएम योगी ने इस मौके पर योग के महत्व को विस्तार से बताया।

बता दें कि, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था। तब से हर साल 21 जून को यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान योग के लाभों को बताया और 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। उनके प्रस्ताव को 193 देशों में से 177 देशों ने समर्थन दिया, जो संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में किसी प्रस्ताव को मिलने वाला अब तक का सबसे बड़ा समर्थन था। इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को UNGA ने आधिकारिक रूप से 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित कर दिया।

क्योंकि, 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में आध्यात्मिक महत्व रखता है और कई संस्कृतियों में यह स्वस्थ जीवन और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। योग परंपरा में भी इसे विशेष माना जाता है — इसे अध्यात्मिक जागरण और ध्यान के लिए उपयुक्त दिन माना जाता है। पीएम मोदी का योग दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था। इसके अलावा योग की वैज्ञानिकता और सार्वभौमिकता को पूरी दुनिया में फैलाना औऱ लोगों को प्राकृतिक और संतुलित जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही तनाव, चिंता और जीवनशैली संबंधी बीमारियों से लड़ने में मदद करना था।

बताते चलें कि, दुनियाभर में सामूहिक योग सत्र, वर्कशॉप, सेमिनार, और आयुर्वेद से जुड़ी गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। भारत में यह आयोजन बड़े पैमाने पर होता है, जहां प्रधानमंत्री खुद योग करते नजर आते हैं। स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर, और NGO के माध्यम से इसे बढ़ावा दिया जाता है।
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