मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से शुरू होने वाले स्वच्छता का नए मॉडल ‘वॉश ऑन व्हील्स’ के मुरीद पीएम मोदी ही नहीं हुए बल्कि पूरा अब देशभर में इसकी चर्चा जोरों पर है।
26 सितंबर 2024 को ग्राम पंचायत छिंदी से हुआ शुरुआत…

दरअसल, बीते दिन भोपाल में आयोजित लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नए प्रयोग की जमकर सराहना की थी। पीएम मोदी का उनसे सीधा संवाद इस बात का संकेत है कि छोटे जिलों से निकले बड़े आइडिया देश को नई दिशा दे रहे हैं।

मौजूदा समय में छिंदवाडा में 34 स्वच्छता साथी इस सेवा में काम कर रहे हैं। 26 सितंबर 2024 को ग्राम पंचायत छिंदी से राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इस योजना की शुरुआत की थी। अब तक 19,331 व्यक्तिगत शौचालय को मिलाकर कुल 27,228 शौचालयों की सफाई की जा चुकी है। इस योजना से जुड़ी स्वच्छता साथियों की कुल आमदनी 25 लाख 60 हजार रुपए से ज्यादा हो चुकी है। एक स्वच्छता साथी की हर महीने लगभग 25 हजार रुपए तक की कमाई करता है।
स्वच्छता साथी अनामिका बेलवंशी ने इसे दिखाया था…

बता दें कि, महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन के दौरान ‘वॉश ऑन व्हील्स’ के बारे में बताया गया था छिंदवाड़ा की स्वच्छता साथी अनामिका बेलवंशी ने इसे मंच पर दिखाया था। पीएम मोदी ने खुद अनामिका से बात की और पूछा, ‘कब से जुड़ी हो इस काम से?’ अनामिका ने जोश के साथ अपना अनुभव बताया तो पीएम ने उनके समर्पण और ऊर्जा की खुलकर तारीफ भी की थी। इस दौरान मंच पर मौजूद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी, और छिंदवाड़ा जिला पंचायत के सीईओ अग्रिम कुमार मौजूद थे, जिन्होंने इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
सीईओ अग्रिम कुमार को सौंपी गई जिम्मेदारी

जानकारी के मुताबिक, छिंदवाड़ा जिले में अब तक ये मॉडल पूरी तरह से सफल साबित हुआ है। इसकी सफलता और सुविधा के मद्देनजर इस मॉडल को 15 जुलाई के बाद प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश स्तर पर एक समिति भी गठित की गयी है। जिसकी जिम्मेदारी सीईओ अग्रिम कुमार को सौंपी गई है। यह समिति इस योजना की मॉनिटरिंग करेगी और ऐप से जुड़ी तकनीकी चीजों का भी आंकलन करेगी।
क्या है ‘वॉश ऑन व्हील्स’ मॉडल

बताते चलें कि, ‘वॉश ऑन व्हील्स’ एक विशेष तरह का वाहन जिसमें बैटरी से चलने वाली वॉशिंग मशीन, पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स और सफाई किट मौजूद होती है। इससे गांवों के स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र और सार्वजनिक शौचालयों की सफाई की जाती है। इसे ट्रेंड महिला स्वच्छता साथी संचालित करती हैं। इसके जरिए अनामिका बेलवंशी जैसी महिलाएं न सिर्फ गांवों को साफ रख करती हैं। बल्कि आत्मनिर्भर बन रही हैं।
Leave a comment