भगवान श्रीराम के भक्तों को अयोध्या में एक बार फिर दिव्यता और भव्यता का संगम देखने को मिलेगा। क्योंकि, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अगले चरण की तैयारियां शुरु हो गयी हैं।

रामलला सहित कुल सात मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाने वाली है। जिसके लिए वैदिक परंपरा के हिसाब से दिव्य अनुष्ठानों का एक के बाद एक लगातार आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में नवग्रह स्थापना के साथ इस विशेष अनुष्ठान की शुरुआत हुई है। इसके बाद औषधिवास और शय्याधिवास जैसे पारंपरिक वैदिक अनुष्ठान भी संपन्न किए जा चुके हैं। इनका उद्देश्य मूर्तियों को आध्यात्मिक रूप से पवित्र करना और उन्हें प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार करना है। औषधियों, मंत्रों और विशेष जलों के प्रयोग से ये मूर्तियां विशिष्ट ऊर्जा से युक्त की जाती हैं ताकि उनमें दिव्य चेतना का वास हो सके।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मार्गदर्शन में चल रहे इन अनुष्ठानों में देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए प्रख्यात आचार्य और विद्वान पंडित आदि शामिल होंगे। अनुष्ठानों में अग्निहोत्र, विशेष यज्ञ, वैदिक मंत्रोच्चार और पंचगव्य आदि की सहायता से मूर्तियों की पवित्रता और धार्मिक ऊर्जा को सुदृढ़ किया जा रहा है। इस महाअनुष्ठान में रामलला के साथ-साथ उनके अनुजों – लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न – तथा हनुमानजी और भगवान गणेश की मूर्तियों की भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। सभी मूर्तियों को अलग-अलग विशेष विधियों द्वारा प्रतिष्ठित किया जाएगा, जिनमें अलग-अलग वैदिक प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी।

मंदिर परिसर में भक्तों का उत्साह चरम पर है। यद्यपि आम श्रद्धालुओं के लिए प्रत्यक्ष भागीदारी सीमित है, फिर भी पूरे अयोध्या में भक्ति और श्रद्धा का वातावरण छाया हुआ है। राम मंदिर के इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर पूरा देश भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। आने वाले दिनों में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि और विशेष कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा ट्रस्ट द्वारा जारी की जाएगी। इस अनुष्ठान के साथ राम मंदिर के दिव्य स्वरूप को और अधिक आध्यात्मिक गहराई मिलने जा रही है, जो देशभर के करोड़ों राम भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बनेगा।
Leave a comment