Edited by: Vandana Ravindra.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 मई को आयुष विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम योगी ने प्रत्येक मंडल में एक इंटीग्रेटेड आयुष महाविद्यालय की स्थापना करने का आदेश दिया। इसके तहत आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी समेत आयुष की सभी पद्धतियों की पढ़ाई एक ही परिसर में उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि, निजी क्षेत्र में संचालित आयुष महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों के बुनियादी ढांचे, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, फैकल्टी एवं स्टाफ की गुणवत्ता का गहन परीक्षण कराया जाए ताकि कोई कमी न रह जाए।
आयुष चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाएं- यूपी सीएम

मुख्यमंत्री ने सरकारी आवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि, यह कदम न केवल आयुष चिकित्सा पद्धति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि भविष्य की स्वास्थ्य-आधारित शिक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाएगा। उन्होंने बताया कि, सरकार आयुष चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए मिशन मोड में कार्य कर रही है। सभी आयुष संस्थानों में नेचुरोपैथी और योग सेंटर की स्थापना अनिवार्य रूप से की जाए और सभी स्वीकृत शैक्षणिक व चिकित्सकीय पदों को शत-प्रतिशत भरने की कार्यवाही समयबद्ध ढंग से पूरी की जाए। आयुष न केवल भारत की चिकित्सकीय परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह सभी स्वास्थ्य दृष्टिकोण को भी परिभाषित करता है। सीएम योगी ने कहा कि, उत्तर प्रदेश को आयुष के क्षेत्र में राष्ट्रीय और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका में लाने के लिए सभी प्रयासों को एकजुट, योजनाबद्ध और समयबद्ध रूप से आगे बढ़ाया जाए।
हर जनपद में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर – सीएम

प्रदेश के हर जनपद में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर प्रारंभ किए जाएं, जो सरकारी या पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में संचालित हो सकते हैं। इसके अलावा आयुष विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध तरीके से बनाए जाएं। प्रदेशभर में आयुष विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं को भी प्राथमिकता से पूरा किया जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र को भी आयुष शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कहा कि, निजी निवेशकों को आयुष सेक्टर में निवेश के लिए प्रेरित करना जरुरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, आयुर्वेद में पंचकर्म जैसी विशेष तरीके गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए काफी प्रभावी हैं। इन पद्धतियों को प्रदेश के सभी आयुष संस्थानों में बढ़ावा दिया जाए। आयुष चिकित्सा की लोकप्रियता को देखते हुए यह समय है जब भारत की परंपरागत चिकित्सा को वैज्ञानिक रूप से प्रस्तुत कर वैश्विक मंच पर स्थापित किया जाए।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन के लिए अभी से तैयारियां शुरू करें- सीएम

इसके साथ ही सीएम योगी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन के लिए अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मण्डलों, जनपदों, नगर निकायों, ग्राम पंचायतों और सरकारी विभागों में योग दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इसके लिए प्रत्येक जनपद में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जो जनसामान्य को योग प्रशिक्षण दे सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि डाबर, वैद्यनाथ और पतंजलि जैसी आयुर्वेदिक उत्पादक संस्थाओं के साथ एमओयू कर सभी आयुष चिकित्सालयों में आवश्यक दवाओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी मरीज को इलाज के लिए दवा की कमी न हो।
प्रदेश में 2,127 आयुर्वेदिक, 259 यूनानी और 1,598 होम्योपैथिक चिकित्सा संस्थान
बैठक के दौरान आयुष विभाग के अधिकारियों ने यूपी सीएम को बताया कि, वर्तमान में प्रदेश में 2,127 आयुर्वेदिक, 259 यूनानी और 1,598 होम्योपैथिक चिकित्सा संस्थान संचालित हैं, जो आयुष सेवाओं को जनसामान्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इन संस्थानों की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर मॉनिटरिंग की जाए और आवश्यकतानुसार संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।