Edited by: Vandana Ravindra.
कश्मीर के मिनी स्वीट्जरलैंड के नाम से मशहूर पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों जो कहर बरपाया उसका असर कई दिनों तक नजर आने वाला है। एक तरफ जहां पाकिस्तान की इस नापाक हरकत को लेकर भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को तोड़ने जैसे कई कड़े फैसले लिए। तो वहीं दूसरी तरफ पहलगाम के पास बसे बाइसरन वैली में हुए आतंकी हमले में 26 आम लोगों की हत्या की इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीर घाटी के 87 में से 48 पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला लिया गया है।
सुरक्षा एजेसिंयों की सिफारिश पर
सुरक्षा एजेसिंयों की सिफारिश पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने ये कदम उठाया। इसके अलावा सुरक्षा बलों की कार्रवाई को आसान बनाने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी ये कदम उठाया गया है। दरअसल, सरकार ने जिन 48 जगहों को बंद किया है, उन्हें या तो एक्टिव ऑपरेशन जोन माना गया है या फिर वे संभावित खतरे वाले इलाकों में आते हैं। ये अस्थाई रूप से फिलहाल के लिए बंद है। बंद होने वाले पर्यटक स्थलों में यूसमर्ग, टौसीमैदान, डूडपटरी, बांगुस, करिवान डिवर चंदीगाम, अहर्बल, काउसरनाग, वुलर/वाटलाब, रामपोरा बांगुस वैली, राजपोरा और चेअरहार आदि शामिल हैं। इसके अलावा जो पर्यटन स्थल अभी खुले हैं, वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
नई ट्रेवल एडवायजरी पर ध्यान दें और सतर्क रहें
इसके साथ ही कश्मीर घाटी घूमने की योजना बना रहे पर्यटकों के लिए नई ट्रेवल एडवायजरी जारी की है। एडवायजरी में कहा गया है कि, आप उन इलाकों से दूर रहें जहां सुरक्षा बलों का ऑपरेशन चल रहा हो, वहीं स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने को भी जरुरी बताया है। इधर, 22 अप्रैल को टूरिस्टों की दर्दनाक हत्या के बाद से घाटी में पर्यटकों की संख्या घट गयी है। श्रीनगर एयरपोर्ट पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी गिरावट देखी गई।
सबसे ज्यादा नुकसान टूरिस्टों को…
बताते चलें कि, 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए इस हमले ने न सिर्फ कई औरतों से उनके सुहाग छीने बल्कि कश्मीरियों की रोजी-रोटी भी छीन ली। इस हमले का असर कश्मीर के हर क्षेत्र पर पड़ा है। लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान टूरिस्टों को हो सकता है, जो लोग वहां होटल खोलना, बिजनेस शुरू करना या फल का व्यापार करना चाहते थे। इसके साथ ही कश्मीर की अर्थव्यवस्था भी डगमगा गई है। जो कई सालों में थोड़ी बहुत ठीक भी हुई थी। कश्मीर के लोगों की कमाई पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।