सावन मास की शुरुआत के साथ ही भारत की नदियों के पवित्र जलाभिषेक के लिए निकलने वाले कांवड़ यात्रियों की भीड़ ने रेलवे प्रशासन को अलर्ट मोड पर ला दिया है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौली स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय (DDU) जंक्शन पर भारी भीड़ की उम्मीद है, जिससे रेलवे सुरक्षा और यात्री सुविधा दोनों पर अतिरिक्त ध्यान दे रही है। रेल अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक नहीं होगी, और यात्रियों को किसी भी आपातस्थिति में “रेल मदद” या “139” पर संपर्क करना चाहिए।
सावन में कांवड़ यात्रा की पृष्ठभूमि

हर वर्ष सावन के दौरान, विशेषकर जुलाई-अगस्त महीने में, लाखों शिवभक्त पवित्र गंगाजल लेकर हरिद्वार, गंगोत्री आदि तीर्थस्थलों से झारखंड स्थित बाबा बैद्यनाथ, देवघर तक यात्रा करते हैं। यह यात्रा भारत में धार्मिक आस्था का प्रतीक है, और इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु डी.डी.यू. जंक्शन से ट्रेन में सवार होते हैं। इस वर्ष भी रेलवे ने इस तीर्थयात्रा को लेकर विस्तृत सुरक्षा और इंतजामों की योजना बनाई है।
सुरक्षा इंतजामों का स्तर
रेल प्रशासन ने चेतावनी स्तर बढ़ा दिया है और स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था को और भी सक्रिय बनाया गया है:
सुरक्षा उपाय | विवरण |
---|---|
RPF‑GRP तैनाती | DDU, सासाराम, गया, डेहरी ऑन सोन जैसे स्टेशनों पर रैपिड एक्सन फ़ोर्स एवं जीआरपी तैनात |
लोकल पुलिस सतर्कता | सुरक्षा एजेंसियों, लोकल पुलिस और खुफिया शाखाओं को सक्रिय किया गया |
जागृति अभियान | यात्रियों को सतर्क करने के लिए प्लेटफॉर्मों पर अभियान |
ट्रेन काफिले में सहयोग | आरपीएफ कर्मी कांवड़ियों और आम यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने और उतरने में मदद करते दिख रहे |
वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त जेथिन बी. राज ने बताया कि सुरक्षा, फ्लो मैनेजमेंट और पंक्चुअलिटी को ध्यान में रखते हुए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। बारिश के कारण उत्पन्न होने वाले वॉटर-लॉगिंग क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
आपातकालीन एक्शन प्लान और टाइमलाइन

रेलवे अधिकारियों ने ’10 मिनट में प्रतिक्रिया’ (10-minute response time) के एक ठोस लक्ष्य के साथ आपात स्थिति के प्रति तत्पर रहने का न्यूनतम समय तय किया है:
- कॉल सिस्टम
- यात्रियों के लिए “रेल मदद” और “139” हेल्पलाइन उपलब्ध।
- रैपिड रिस्पांस टीम
- RPF का लक्ष्य: शिकायत मिलने के 10 मिनट के भीतर घटना स्थल पर पहुंचना।
- स्थानीय स्टेशन की तैयारी
- CCTV, संपर्क नेटवर्क और मोबाइल टीमों के साथ अतिरिक्त निगरानी।
- वाटर-लॉगिंग रोशनी
- मानसून के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए प्लेटफॉर्म और रास्तों पर विशेष सुरक्षा उपाय।
- प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट
- भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेड, गाइडर और स्टाफ नियुक्ति।
यात्री और कांवड़ियों के लिए सुविधाएँ
रेलवे ने कुछ प्रमुख सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं:
- इंपल्स स्टेशन सुझाव – भीड़ को नियंत्रित करने वड़ने-उतरने के लिए विशेष मार्ग प्रदान।
- हेल्प डेस्क – प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ/जीआरपी कर्मी यात्रियों की सहायता के तैयार।
- सीरियस फर्स्ट एड – मेडिकल टेंट, प्राथमिक उपचार केंद्र और एम्बुलेंस सेवा सक्रिय।
- मौसम अपडेट – बारिश प्रभावित क्षेत्रों में यात्रियों को मोबाइल अलर्ट और घोषणा प्रणाली से जागृत किया जा रहा।
प्रहरीबल की सक्रिय भूमिका
जेथिन बी. राज ने बताया:
“हमारे डिवीजन के बड़े स्टेशनों पर क्राइम प्रिवेंशन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को एक्टिव कर दिया गया है।”
“RRPF, GRP और लोकल पुलिस मिलकर प्लेटफॉर्म पर हो रही कोई भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रोकेंगे।”
इस मिश्रित सुरक्षा तंत्र में तेज निगरानी से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
वर्षा का असर और सावधानी
सावन के दौरान मुख़्तलिफ हालात निर्मित हो सकते हैं:
- जलभराव या स्लिप ड्रॉप की संभावना।
- हिंड्स से प्लेटफॉर्म की सतह पर परेशानी।
- ट्रेन विलंब—Specially long-distance ट्रेनें।
रेल अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वॉटर-लॉगिंग से बचने की कोशिश रहा है ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो।

पंक्चुअलिटी और ट्रेन सेवाओं पर ध्यान
अब तक बदली हुई ट्रेन टाइमिंग और विशेष ट्रेनों की संख्या का सार:
- स्पेशल ट्रेनों का परिचालन – कांवड़ यात्रियों की सुविधा हेतु अतिरिक्त ट्रेनें।
- टाइमिंग अपडेट – लोकल और लॉन्ग-डिस्टेंस ट्रेनों की समय-सारिणी लगातार अद्यतन की जा रही है।
- प्लेटफॉर्म कोडिंग – भीड़ नियंत्रण हेतु प्लेटफॉर्म को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है।
संभावित स्थितियाँ और निर्देश
रेलवे ने यात्रियों को सतर्क किया है कि:
- भीड़भाड़ वाले प्लेटफॉर्मों में व्यवस्था बनाए रखें।
- आपातस्थिति में कॉल करें—रेल मदद (RRhelp) या 139।
- कोई संदिग्ध वस्तु हो तो तत्काल RPF/GRP को सूचित करें।
- बारिश के दौरान सतर्क रहें और सुरक्षित स्थान पर रहें।
दीगर चरण: आगे की रणनीति
रेलवे द्वारा लागू एजेंडे:
- मिड-टर्म रिव्यू
- सावन समाप्ति के बाद सुरक्षा उपायों और कार्यक्षमता की समीक्षा।
- थोड़ा विस्तार
- द्वार-क़दम तक सुरक्षा का दायरा बढ़ना—सड़क मार्ग और धार्मिक स्थल तक सुरक्षा विस्तार।
- तकनीकि उपकरण
- ड्रोन्स, स्मार्ट कैमरा और बुद्धिमत्ता से लैस դիտा।

- सावन के दौरान कांवड़ यात्रा की वजह से रेलवे ने अलर्ट तापमान बढ़ा दी है।
- DDU समेत आसपास के स्टेशनों पर RPF‑GRP‑पुलिस और खुफिया तंत्र ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की है।
- “Rail-help/139” हेल्पलाइन व 10‑मिनट रिस्पांस वारंटी परज़ोर दे रही है।
- बारिश, भीड़ और समय‑तालिका जैसे विमर्शों पर रेलवे वाकई पूरा फोकस कर रहा है, जिससे यात्रियों को संतुलित सुविधा व सुरक्षा मिले।
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