गुरुग्राम के पॉश सेक्टर 57 में 25 साल की पूर्व टेनिस खिलाड़ी और कोच राधिका यादव की हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हत्या का आरोपी कोई और नहीं बल्कि राधिका का पिता दीपक यादव है, जिसने खुद ही इस खौफनाक जुर्म को कबूल किया है। लेकिन पुलिस को यह मामला उतना सीधा नहीं लग रहा, जितना बाहर से दिखाई दे रहा है।
गुरुवार की सुबह का वो वक्त, जब राधिका अपने घर की पहली मंज़िल पर रसोई में खाना बना रही थी, अचानक गोलियों की आवाज़ से कांप उठा। तीन गोलियां राधिका की पीठ पर लगीं और कुछ ही घंटों में देश की एक होनहार टेनिस खिलाड़ी की सांसें थम गईं।
दीपक यादव ने दावा किया कि वह अपनी बेटी की सोशल मीडिया एक्टिविटी और एकेडमी को लेकर गांव वालों की बातों से आहत था। परंतु जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ रही है, तीन ऐसे सवाल सामने आ रहे हैं, जिनके जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं – और जिन पर इस पूरी हत्या की कहानी की असली परतें टिकी हो सकती हैं।
1. सोशल मीडिया अकाउंट किसने डिलीट किए?
राधिका यादव सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थीं। इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर उनकी लगातार मौजूदगी थी – जहां वो रील्स बनाती थीं, कोचिंग सेशन शेयर करती थीं, और अपने खेल से जुड़ी अपडेट देती थीं।
लेकिन हत्या से ठीक पहले और बाद में उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स अचानक गायब हो गए। पुलिस को शक है कि:
क्या राधिका ने खुद किसी दबाव में आकर अपने अकाउंट्स डिलीट किए?
या फिर ये दीपक यादव ने करवाए, ताकि कोई डिजिटल सबूत न बचे?
या फिर कोई तीसरा व्यक्ति इस पूरे घटनाक्रम में शामिल है, जो अब तक पर्दे के पीछे है?
फिलहाल पुलिस की साइबर सेल राधिका के सोशल मीडिया ट्रेल्स को रिकवर करने में जुटी है। मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, जहां से चैट्स, कॉल रिकॉर्ड और अकाउंट लॉग्स निकल सकते हैं।
जिसने टेनिस सिखाया, वही पिता कैसे कातिल बन गया?
राधिका की टेनिस यात्रा पिता दीपक यादव के साथ ही शुरू हुई थी। उन्होंने ही बेटी को महंगे रैकेट दिलवाए, पढ़ाई छुड़वाकर टेनिस पर फोकस कराया और टूर्नामेंट्स में साथ गए।
फिर क्या ऐसा हुआ कि वही पिता अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से बेटी की हत्या कर बैठा?
दीपक यादव ने पुलिस को बताया:
“जब मैं दूध लेने जाता था तो गांव वाले कहते थे – ‘बेटी की कमाई खा रहा है।’ मुझे ये ताने बर्दाश्त नहीं हुए… मैंने कहा एकेडमी बंद कर दे, लेकिन राधिका ने मना कर दिया। इसी गुस्से में मैंने गोली मार दी।”
लेकिन दीपक के दोस्त और परिवार के जानने वालों का कहना है कि ये वजह बहुत कमजोर लगती है।
NDTV की एक रिपोर्ट में दीपक यादव के करीबी दोस्त ने कहा:
“दीपक के पास गुरुग्राम में 17 लाख मासिक किराये की इनकम है, आलीशान कोठी है, संपत्ति है – वो किसी की कमाई पर क्यों जिएगा? उसकी बेटी के लिए दो-दो लाख के टेनिस रैकेट लाया करता था।”
इससे शक गहराता है कि कहीं पारिवारिक तनाव या निजी वजह तो इस हत्या के पीछे नहीं छुपी हुई?
3. क्या हत्या की वजह कुछ और है?
पुलिस की प्रारंभिक थ्योरी है कि दीपक यादव अपनी बेटी की सोशल मीडिया उपस्थिति और आर्थिक आत्मनिर्भरता से परेशान था, जो समाज में उसे अपमानजनक लगता था।
लेकिन घटना के आसपास कुछ और बातें इस बयान को कमज़ोर बनाती हैं:
राधिका की मां मंजू यादव ने अब तक लिखित बयान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “मुझे बुखार था, मैं कमरे में थी। मुझे नहीं पता क्या हुआ।”
उन्होंने यह भी कहा: “मेरी बेटी का चरित्र ठीक था… फिर भी मेरे पति ने उसकी हत्या क्यों की, ये मैं नहीं समझ पाई।”
दीपक यादव के व्यवसायिक स्टेटस को देखते हुए – लाखों की संपत्ति, किराया, हथियार लाइसेंस – समाज के तानों का असर इतना भारी होना, संदेहास्पद लगता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वे अब दोस्तों, कोचों और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर रही है। साइबर क्राइम यूनिट राधिका के मोबाइल डेटा, ईमेल और डिजिटल footprint को खंगाल रही है।
घटना का पुनर्निर्माण
सुबह 10:30 बजे (11 जुलाई) – राधिका पहली मंजिल की रसोई में खाना बना रही थीं।
दीपक यादव ने पीछे से तीन गोलियां मारीं – एक कमर और दो पीठ में लगीं।
रिवॉल्वर ड्राइंग रूम में छोड़ी गई, और राधिका का चाचा कुलदीप और भतीजा पीयूष उसे अस्पताल ले गए।
सेक्टर 56 के Asia Maringo अस्पताल में राधिका को मृत घोषित कर दिया गया।
दीपक यादव ने जुर्म कबूल किया और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
सोशल-कल्चरल विश्लेषण: यह मामला क्यों झकझोरता है?
पितृसत्ता बनाम स्वतंत्र बेटी
राधिका आत्मनिर्भर थी, सफल कोच थी, सोशल मीडिया पर सक्रिय थी – और शायद यहीं से टकराव की शुरुआत हुई।
बेटी की स्वतंत्रता, सोशल पहचान और आर्थिक सफलता, पारंपरिक सोच वाले पिता के लिए शायद असहनीय बन गई।
मानसिक स्वास्थ्य और संवाद की कमी
समाज में मानसिक तनाव, असुरक्षा और संवादहीनता जब बढ़ जाती है, तो रिश्ते घातक मोड़ ले सकते हैं।
राधिका की जिंदगी: सफलता से हत्या तक
स्टेट लेवल टेनिस खिलाड़ी
ITF टूर में हिस्सा ले चुकी
कंधे की चोट के बाद स्वयं की कोचिंग एकेडमी शुरू की
कई बच्चों को ट्रेनिंग दी और महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं
आज वही एकेडमी सुनसान है, ताले लगे हैं, और राधिका की स्कूटी अब खड़ी है – उसकी चुपचाप गवाही देती हुई।
घर की ग्राउंड रिपोर्ट: कभी उजाला, अब सन्नाटा
राधिका का घर अब पुलिस की पीली पट्टी से घिरा है। आस-पड़ोस में सन्नाटा पसरा है। टेनिस कोर्ट के करीब रहने वाले पड़ोसी कहते हैं:
“रोज़ स्कूटी पर टेनिस रैकेट के साथ जाती थी। अब उसकी मौत की खबरें देख रहे हैं।”
पुलिस जांच का अगला चरण
मोबाइल फॉरेंसिक, चैट्स और कॉल रिकॉर्ड की जांच
सोशल मीडिया डिलीशन के पीछे की सच्चाई का पता लगाना
मां मंजू यादव और भाई धीरज से पूछताछ
दोस्तों, कोचों और साथियों से सामाजिक जीवन की जानकारी इकट्ठा करना
FIR और कानूनी पहलू
FIR राधिका के चाचा कुलदीप यादव द्वारा दर्ज की गई
धाराएं – भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1) BNS, Arms Act 27(3), 54
आरोपी को 1 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है
क्या मिलेगा राधिका को इंसाफ?
राधिका यादव की मौत एक बेटी की नहीं, बल्कि संवादहीनता, सामाजिक दबाव और पारिवारिक तानाशाही का शिकार बनने वाली एक आत्मनिर्भर युवती की मौत है।
जब तक उन तीन अनसुलझे सवालों का जवाब नहीं मिलता –
सोशल मीडिया डिलीशन की सच्चाई
पिता की मानसिक अवस्था और इरादा
पारिवारिक तनाव और असल वजह
तब तक यह मामला अधूरा रहेगा – और राधिका को न्याय नहीं मिलेगा।
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