Edited by: Vandana Ravindra.
शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट में एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, समिति की तरफ से जारी रिपोर्ट में आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी के कैंपस प्लेसमेंट में गिरावट आई है।
आईआईएम के प्लेसमेंट में भी कमी
इसके अलावा कुछ आईआईएम के प्लेसमेंट में भी कमी दिख रही है। पुराने आईआईटी कैंपस प्लेसमेंट में पिछले तीन सालों में यह गिरावट करीब 10 फीसदी तक है। हालांकि, रिपोर्ट पर चिंता जाहिर करते हुए संसदीय समिति ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को कैंपस प्लेसमेंट में बढ़ोतरी के लिए रोजगार क्षमता बढ़ाने पर काम करने की सिफारिश भी की है। संसद में पेश संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी 23 आईआईटी में वर्ष 2021-22, शैक्षणिक सत्र 2022-23 और सत्र 2023-24 के बीच कैंपस प्लेसमेंट में गिरावट आई है।
सबसे अधिक गिरावट दिग्गज व पुराने आईआईटी यानी आईआईटी रुड़की में
हालांकि, समिति ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 को मूल्यांकन में शामिल नहीं किया है। सबसे अधिक गिरावट दिग्गज व पुराने आईआईटी यानी आईआईटी रुड़की में देखी गई। यहां प्लेसमेंट में करीब 18.88 फीसदी की गिरावट देखी गयी है। इसके बाद आईआईटी दिल्ली दूसरे स्थान पर है। यहां 22 से 24 के बीच 14.88 फीसदी की गिरावट है। तीसरे स्थान पर आईआईटी बॉम्बे का नाम है। यहां 22 से 24 के बीच 12.72 फीसदी की गिरावट देखी गयी है। वर्ष 2021-22 में 96.11 फीसदी था, जोकि वर्ष 2023-24 के बीच 83.39 फीसदी तक रह गया है।
प्लेसमेंट में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट
समिति ने कहा है कि, बड़ी संख्या में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के आईआईटी में भी शैक्षणिक वर्ष 2021-22 और 2023-24 के बीच प्लेसमेंट में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। वर्ष 2008 और 2009 के बीच स्थापित इन आईआईटी में से आईआईटी हैदराबाद में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जिसमें प्लेसमेंट दर 2021-22 में 86.52 फीसदी से गिरकर वर्ष 2023-24 में 69.33 फीसदी रह गई है। आईआईटी मंडी में 14.1 फीसदी की गिरावट है। वर्ष 2015 और 2016 के बीच स्थापित आईआईटी जम्मू में 21.83 फीसदी की गिरावट है।
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