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इजरायल-ईरान युद्ध में कूदा अमेरिका, ईरान पर हमले को लेकर मुस्लिम बाहुल्य देशों ने जताया एतराज

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इजरायल-ईरान युद्ध में कूदा अमेरिका
इजरायल-ईरान युद्ध में कूदा अमेरिका
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अमेरिका ईरान और इजरायल युद्ध के बीच कूद पड़ा है। दरअसल, अमेरिका ने आज ईरान पर हमला कर दिया। वहीं ईरान पर किए गए हमलों का सऊदी अरब, पाकिस्तान, ओमान और इराक जैसे मुस्लिम बाहुल्य देशों ने कड़ा एतराज जताया है।

ईरान के साथ मुस्लिम देश- image source : Google

ईरान पर अमेरिका के हमले को लेकर सभी देशों ने बयान जारी करते हुए ईरान के खिलाफ आवाज उठाई है। इजरायल ने अमेरिकी हमलों की निंदा की है। ईरान में किए गए इन हमलों से खाड़ी में एक बड़ी ताकत और अमेरिका के करीबी सहयोगी सऊदी भी काफी नाराज है। बता दें कि, सऊदी के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि, वॉशिंगटन के हमले ईरानी संप्रभुता का उल्लंघन है, हम इन हमलों की निंदा करते हैं। सऊदी लंबे समय से ईरान का प्रतिद्वन्द्वी रही है लेकिन हालिया घटनाक्रम से वह चिंतित है।

ईरान और इजरायल युद्ध- image source : Google

सऊदी अरब ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ रहे संघर्ष पर चिंता जताते हुए तनाव कम करने की बात भी कही। वहीं इस महीने की शुरुआत में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु वार्ता में मध्यस्थता करने वाले ओमान ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी हमलों को पूरी तरह अवैध आक्रमण बताया और इसकी निंदा भी की है। इधर, ईरान के पड़ोसी इराक ने भी क्षेत्र में सेना बढ़ाने पर एतराज जताया। इराकी सरकार ने बयान जारी कर कहा कि, वो इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान में परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने की निंदा करती है। यह सैन्य वृद्धि मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। इस तरह के हमले क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर जोखिम पैदा करती है।

ईरान और इजरायल युद्ध- image source : Google

और तो और अमेरिका की तारीफों का पुल बांधने वाले, चापलूसी करने वाले इस्लामी दुनिया की इकलौती परमाणु ताकत पाकिस्तान ने भी ईरान-अमेरिका तनाव पर बयान जारी किया है। पाकिस्तान ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमलों की निंदा की है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ईरान में तीन परमाणु ठिकानों पर स्ट्राइक चिंता को बढ़ाती है। ये पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा है। हम ईरान के साथ एकजुटता जताते हुए सक्षी पक्षों से शांति की अपील करते हैं। गौरतलब है कि, अमेरिका ने आज सुबह ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले किए हैं। इजरायल का साथ देने और ईरान को कमजोर की अमेरिका की इस रणनीति को लेकर ईरान ने कहा है कि, अमेरिका का यह कदम बहुत खतरनाक और गैरकानूनी है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा, ‘अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया है।

ईरान पर अमेरिका ने किया हमला – image source : Google

अमेरिका UN सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। ऐसे में अमेरिका का ईरान पर यह हमला UN चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और NPT का गंभीर उल्लंघन है।’ ईरान ने अमेरिका को पलटवार का संकेत देते हुए कहा कि उसके जवाबी कार्रवाई के सभी विकल्प खुले हैं अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया। अमेरिकी नौसेना की गाइडेड-मिसाइल पनडुब्बी USS जॉर्जिया (SSGN 729) ने 30 टोमाहॉक लैंड अटैक मिसाइलें (TLAM) ईरान के दो प्रमुख परमाणु ठिकानों नतांज और इस्फहान पर दागीं। इसके साथ ही, B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर ने नतांज पर दो GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम गिराए. यह हमला ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने और इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति – image source : Google

बता दें कि, USS जॉर्जिया (SSGN 729) एक ओहियो-क्लास गाइडेड-मिसाइल पनडुब्बी है, जिसे अमेरिकी नौसेना ने सटीक और लंबी दूरी के हमलों के लिए डिज़ाइन किया है। यह पनडुब्बी 154 टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें ले जा सकती है। वहीं टोमाहॉक लैंड अटैक मिसाइल (TLAM) अमेरिका का एक लंबी दूरी का, सबसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जिसे सटीक हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह मिसाइल जहाजों और पनडुब्बियों से लॉन्च की जा सकती है और सभी मौसम में काम करती है। क्योंकि, नतांज ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम संवर्धन केंद्र है, जो 40 मीटर की गहराई पर बना है. यह परमाणु हथियार बनाने के लिए यूरेनियम को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण है।

अमेरिका ने ईरान पर किया हमला – image source : Google

USS जॉर्जिया से दागी गई टॉमहॉक मिसाइलों ने नतांज के ऊपरी ढांचों और भूमिगत सेंट्रीफ्यूज कैस्केड्स को निशाना बनाया। इसके अलावा एक B-2 स्टील्थ बॉम्बर ने नतांज पर दो GBU-57 MOP बम गिराए, जो गहरे बंकरों को भेद सकते हैं। इससे हुए नुकसान की बात करें तो, ऊपरी इमारतें और कुछ सेंट्रीफ्यूज को नुकसान पहुंचा, लेकिन ईरान का कहना है कि, “अपूरणीय क्षति” नहीं हुई। वहीं अमेरिका की टॉमहॉक मिसाइलों ने इस्फहान की प्रमुख इमारतों को निशाना बनाया। छह इमारतों को भारी नुकसान हुआ है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने बताया कि, कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ।

अमेरिका ने ईरान पर किया हमला – image source : Google

इसके बाद अमेरिकी सैन्य का भी बयान आया कि, इस्फहान का भूमिगत परिसर अपेक्षा से अधिक गहरा और मजबूत था, जिसके कारण इसे पूरी तरह नष्ट करना संभव नहीं हुआ। अमेरिका ने ईरान के फोर्डो को निशाना बनाया। ये जगह पहाड़ों के नीचे 80 मीटर की गहराई में है। इसलिए शायद ये जगह सबसे सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन इस ठिकाने को छह B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने निशाना बनाया, जिन्होंने 12 GBU-57 MOP बम गिराए. ये बम विशेष रूप से गहरे बंकरों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

अमेरिका ने ईरान पर किया हमला – image source : Google

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि फोर्डो को “पूरी तरह नष्ट” कर दिया गया, लेकिन इजरायली सेना रेडियो ने कहा कि इसकी पूरी तरह से तबाही की संभावना कम है। इस ऑपरेशन को अमेरिका और इजरायल ने मिलकर किया था। इसका उद्देश्य ईरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को कमजोर करना था।

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