Edited by: Vandana Ravindra.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजना में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जल जीवन मिशन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर शिकंजा कसते हुए 183 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।
सबसे ज्यादा कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर …
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक सबसे ज्यादा कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर की गई है. अब तक 7 मुख्य अभियंताओं पर अनुशासनिक जांच के निर्देश दिए गए हैं. जबकि, 4 के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसके अलावा 5 अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और 7 के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है. वहीं 4 को निलंबित किया गया है।
32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठी…
इसके साथ ही 32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठाकर 2 अफसरों को निलंबित कर दिया है. जबकि, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच की गई है. बता दें कि, बीते चार सालों में 183 अफसरों-कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. इस तरह लापरवाही बरतने वाले कुल 122 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच, 55 को नोटिस जारी किया गया है और 6 का निलंबन किया गया है।
योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं…
दरअसल, जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सीएम योगी पूरी तरह से गंभीर हैं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मिशन के अंतर्गत कार्यों की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि राज्य में विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।