Edited by: Vandana Ravindra.
आज यानी 30 अप्रैल से चार धाम की यात्रा शुरू हो रही है। चार धाम की यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है। जिसके बाद गंगोत्री धाम और फिर केदारनाथ धाम और आखिरी में बद्रीनाथ धाम जाकर समाप्त होती है। तो अगर आपने भी इस बार चारधाम यात्रा करने का मन बनाया है तो आइये जानते हैं कि, प्लानिंग कैसे करें, कहां रुके, कैसे करें रजिस्ट्रेशन, कैसे करें दर्शन …
जानिए कब खुलेंगे कपाट औऱ कैसे करना होगा रजिस्ट्रेशन…
दरअसल, इस चार धाम यात्रा में आपको युमनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ और गंगोत्री के दर्शन करना होगा। यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल से खुलेंगे औऱ 23 अक्टूबर को बंद होगा। वहीं केदारनाथ का कपाट 2 मई को खुलेगा और 23 अक्टूबर को बंद होगा। वहीं बद्रीनाथ का कपाट 4 मई को खुलकर 6 नवंबर को बंद होगा। जबकि, गंगोत्री का कपाट 22 अक्टूबर को बंद होंगे। तीर्थ यात्रियों को ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए उत्तराखंड सरकार की सरकारी वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर या मोबाइल ऐप touristcareuttarakhand पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के बाद ई-प्रमाण पत्र जरुर डाउनलोड कर लें। चार धाम यात्रा के दौरान ई-प्रमाण पत्र दिखाना होगा। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून को मिलाकर 60 रजिस्ट्रेशन सेंटर खोले गए हैं। जहां यात्रियों के आईडी प्रूफ और मेडिकल सर्टिफिकेट और फोटो दिखाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
कैसे करें चार धाम यात्रा की प्लानिंग….
सबसे पहले यमुनोत्री फिर गंगोत्री से होते हुए केदारनाथ धाम फिर बद्रीनाथ धाम पर यात्रा समाप्त करें। बात करें अगर हवाई यात्रा की तो इंडिगो या आकासा की फ्लाइट से देहरादून का जौली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद हेलीकाप्टर या सड़क के रास्ते से तय करें। लेकिन अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप वंदेभारत, जनशताब्दी और उत्तरांचल एक्सप्रेस से ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून रेलवे स्टेशन पहुंचे। इसके बाद सड़क के रास्ते या हेलीकॉप्टर से यात्रा करें। लेकिन अगर आप खुद के वाहन से यात्रा का विचार बना रहे हैं तो, आप से ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून पहुंचकर सबसे पहले जानकी पट्टी पहुंचे। यहां यमुनोत्री के दर्शन करें, फिर उत्तरकाशी होते हुए गंगोत्री के दर्शन करें गंगोत्री से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ के दर्शन करें फिर चमोली जोशीमठ होते हुए बद्रीनाथ धाम के दर्शन करके अपनी चार धाम यात्रा पूरी करें।
जानिए चारों धाम में कहां कर सकते हैं आराम…
यमुनोत्री में रुकना है तो आप जानकी चट्टी…हनुमान चट्टी या खरसाली में रुक सकते हैं…इसके अलावा केदारनाथ में गौरीकुंड, रामबाड़ा, जंगल चट्टी और मंदिर के पास रुकने की व्यवस्था की जाती है। वहीं बद्रीनाथ में बद्रीनाथ टाउन…माणा गांव या जोशीमठ में रुकने की व्यवस्था होती है। जबकि गंगोत्री में गंगोत्री सिटी…हर्षिल मेरों घाटी और सुखी टॉप पर आराम किया जा सकता है।
जानिए किसी मंदिर में कब होते हैं दर्शन और आरती…
यमुनोत्री में सुबह 6:00 से दोपहर 2:00 बजे तक और दोपहर 3:00 से रात 9:30 बजे तक दर्शन किया जा सकता है। वही सुबह 6:30 से 7:00 बजे और शाम को 7:30 से 8:00 तक आरती की जाती है। जबकि, गंगोत्री में सुबह 6:00 से दोपहर 2:00 तक और दोपहर 3:00 से रात 9:30 बजे तक दर्शन किए जाते हैं वही सुबह 6:00 से 6:30 तक और शाम 7:00 से 7:30 तक आरती की जाती है। जबकि केदारनाथ धाम में सुबह 7:00 से दोपहर 3:00 तक और दोपहर 3:00 से 9:00 तक दर्शन कर सकते हैं वहीं आरती का समय सुबह 4:00 बजे से 4:30 और शाम 6:00 से 6:30 तक का होता है। बद्रीनाथ में सुबह 4:30 से दोपहर 1:00 और शाम 4:00 से रात 9:00 तक दर्शन किया जा सकता है, जबकि आरती सुबह 4:30 से 5:00 और शाम 6:00 से 6:30 तक होती है।
दर्शन के लिए सरकार ने टोकन सिस्टम किया है लागू…
दर्शन को सुविधाजनक और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से टोकन सिस्टम लागू किया गया है। बद्रीनाथ में दर्शन के लिए आपको ISBT बद्रीनाथ, BRO सर्कल या माणा पार्किंग से टोकन मिल जाएगा। इसके अलावा यमुनोत्री में आपको जानकी चट्टी से टोकन मिलेगा। वही गंगोत्री में दर्शन के लिए गंगोत्री मंदिर में ही टोकन मिल जाएगा जबकि केदारनाथ में दर्शन के लिए केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए टोकन मिलेगा।
सरकार ने हेल्पलाइन नंबर किए शुरु…
सरकार की तरफ से चार धाम यात्रियों के लिए इमरजेंसी नंबर दिए गए हैं। सरकार ने टूरिस्ट हेल्पलाइन नंबर 0135-2559898… 0135-2552627…0135- 3520100 जारी किए हैं। जबकि टोल फ्री हेल्पलाइन 1369 उत्तराखंड वालों के लिए और 911 351364 बाहर से आने वाली यात्रियों के लिए जारी किए गए हैं।