Edited by: Vandana Ravindra.
रोहित शर्मा ने बुधवार को टेस्ट क्रिकेट से सन्यास का एलान कर दिया। इंस्टाग्राम पर बुधवार को एक स्टोरी शेयर करते हुए रोहित ने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया। दरअसल, रोहित शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा…सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इतने सालों में मिले प्यार और समर्थन के लिए शुक्रिया। मैं वनडे फॉर्मेट में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा।

रोहित के सन्यास को लेकर शुरु हुए कई सवाल…
दरअसल, रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से इंग्लैंड टूर से पहले संन्यास का एलान कर दिया। रोहित शर्मा का टेस्ट से संन्यास लेना कई सवाले खड़े हो गए हैं। रोहित शर्मा का अचानक से टेस्ट संन्यास लेने के बाद क्रिकेट जगत में एक बहस छिड़ गई है। हर तरफ यह चर्चा है कि, रोहित ने जून में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज से पहले संन्यास क्यों लिया। आइए ऐसे तीन महत्वपूर्ण कारणों के बारे में जानते हैं।
भारतीय टीम का ड्रेसिंग रूम में हुआ था विवाद
माना जा रहा है कि, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम का ड्रेसिंग रूम में विवाद हुआ था, जिसके बाद से रोहित शर्मा और गौतम गंभीर के बीच सबकुछ सही न चलने को लेकर अफवाहें उड़ रही थीं। इसी बीच सिडनी टेस्ट के दौरान रोहित का प्लेइंग इलेवन से बाहर होना, इस विवाद को और हवा दे गया। क्योंकि, ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान रोहित का फॉर्म बहुत खराब रहा था और वह आलोचनाओं का शिकार हुए थे। वहीं, घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवाई थी। इसके चलते रोहित की खूब आलोचना हुई थी।
2027 का वनडे वर्ल्ड कप खेलना है
रोहित शर्मा 38 साल के हो गए हैं। ऐसे में अगर उन्हें साल 2027 का वनडे वर्ल्ड कप खेलना है, इसलिए रोहित का अचानक संन्यास लेने से ऐसा लग रहा है कि, वह अपने वर्क लोड कम करना चाहते हैं। 2027 तक वह 40 साल के हो जाएंगे, ऐसे में खुद को फिट और फ्री रखना चाहेंगे। इसके अलावा खराब प्रदर्शन भी वजह हो सकता है। क्योंकि, पिछले साल रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट में खराब प्रदर्शन रहा था। वह अपनी फॉर्म पाने के लिए जूझते हुए दिखे थे। कुल मिलाकर उन्होंने पिछले सीजन की आठ टेस्ट मैचों में सिर्फ एक अर्धशतक और 10.93 की औसत से रन बनाए थे। अगर कप्तानी की बात की जाए तो उन्होंने कुल 24 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की, जिसमें उन्हें 12 में जीत, 9 में हार मिली, जबकि तीन टेस्ट मैच ड्रॉ रहे।