Home मनोरंजन चुनावी रणनीति में खो गया सचिवजी, विकास, प्रह्लाद चा और प्रधान जी के बीच गर्मजोशी और अपनापन, नहीं भा रहा दर्शकों को पंचायत सीजन 4
मनोरंजन

चुनावी रणनीति में खो गया सचिवजी, विकास, प्रह्लाद चा और प्रधान जी के बीच गर्मजोशी और अपनापन, नहीं भा रहा दर्शकों को पंचायत सीजन 4

Share
पंचायत सीजन 4
पंचायत सीजन 4
Share

गांव फुलेरा की अतरंगी कहानी के साथ टीवीएफ पंचायत सीजन 4 को लेकर लौट आया है। प्रधान पति पर गोली किसने चलवाई और फुलेरा के ग्राम पंचायत चुनावी रण में मंजू देवी और क्रांति देवी में से कौन जीत का परचम लहराएगा, जैसे कई सवाल लेकर सीरीज का चौथा सीजन आ गया है।

‘पंचायत’ सीजन 4′ – image source: Google

पिछला सीजन याद है आपको ‘पंचायत’ का? कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, सरीखा एक सवाल कि गोली किसने चलाई? ये याद है तो विधायक जी और उनका घोड़ा भी याद होगा? मनोज तिवारी का गाना तो खैर याद होगा ही और याद ये भी होगा कि सचिव जी और प्रधानजी की बिटिया की लव स्टोरी और करीब आ चुकी थी। अब जाहिर बात है कि चौथा सीजन देखने से पहल इसके हर फैन ने रेडी रेकनर या गांव की भाषा में कहें तो कुंजी जैसा कुछ तुरंत रिवाइंड किया ही होगा, लेकिन अफसोस कि चौथा सीजन इस राह पर है ही नहीं, उसे भाई लोग अलगै रास्ता पकड़ा दिए हैं।

‘पंचायत’ सीजन 4′ – image source: Google

वेब सीरीज ‘पंचायत’ का चौथा सीजन, जिस अंदाज में रिलीज किया गया है, उसे लेकर भी सवाल हैं। हफ्ता भर पहले ऐसी करामाती सीरीज का ट्रेलर रिलीज करके कौन रिलीज डेट बताता है। जिस सीरीज में जितेन्द्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुवीर यादव, फैसल मलिक, चंदन रॉय, सानविका, दुर्गेश कुमार, सुनीता राजवार और पंकज झा जैसे बेहतरीन कलाकार हों, वो इन सबके मेले के बाद भी दिल को न छू पाए तो कोफ्त होती है। दरअसल, ये बोरिंग इसलिए भी बन गयी है क्योंकि, कहानी इस बार पूरी तरह गांव फुलेरा के चुनाव पर टिक गई है, जहां मंजू देवी और क्रांति देवी आमने-सामने हैं। हालांकि, असली लड़ाई तो उनके पतियों के बीच चल रही है, जो एक-दूसरे को हराने के लिए तरह-तरह की चालें चलते हैं।

‘पंचायत’ सीजन 4′ – image source: Google

अगर तुलना की जाए इसके बीते सीजन के साथ तो शायद निर्देशक दीपक कुमार मिश्रा की पंचायत का ये सीजन सबसे हल्का है, जो फुलेरा के चाहने वालों पर अपनी छाप छोड़ने में सफल नहीं हो पाया है। हालांकि, सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड स्कोर ठीक-ठीक रहा है, जो आपको बोर नहीं करेगा। पंचायत सीजन 4 के लिए अगर कुछ प्लस प्वाइंट रहा है तो वह इस बार सीरीज के साइड कैरेक्टर्स को अहमियत देना है। पिछले तीन सीजन में बस की सबसे आखिरी सीट पर बैठने वाले यात्री के समान सीजन चार में विनोद (अशोक पाठक), रिंकी (सानविका) और माधव (बुल्लो कुमार) जैसे किरदार फ्रंट सीट पर दिखाई दिए हैं। खासतौर पर विनोद सही मायने में पंचायत 4 के सूत्रधार रहे हैं, जो अपने दमदार अभिनय से सचिव जी सहित अन्य कलाकारों पर भारी पड़े हैं।

‘पंचायत’ सीजन 4′ – image source: Google

सीरीज की सबसे बड़ी कमी है, सचिवजी, विकास, प्रह्लाद चा और प्रधान जी की चौकड़ी के चारे पायों में असंतुलन। इनकी आपसी बॉन्डिंग मीसिंग है। न इनके बीच अब पहले जैसी गर्मजोशी है और न ही अपनापन। प्रह्लाद चा और विकास के रिश्तों में भी इमोशन घटकर रिजर्व में आ गया है। न इस बार किरदारों की सादगी है, न प्रधानजी का मजाहिया लहजा रंग जमाता है और न ही दिल को छू लेने वाली तकरारें ही हैं। नीना गुप्ता और सुनीता राजवार का आमने-सामने का मुकाबला है और दोनों पूरी सीरीज में जवाबी मुकाबले से कन्नी काटती नजर आती हैं।

‘पंचायत’ सीजन 4′ – image source: Google

‘पंचायत’ सीजन चार को आखिर तक देखने की वजह हालांकि इसके कलाकारों की दमदार परफॉरमेंस ही इस बार भी रही है। रघुवीर यादव और नीना गुप्ता इस सीजन को अपने कंधों पर साधे रखने की पूरी कोशिश करते हैं। दुर्गेश कुमार इस बार सीरीज के हीरो जितेंद्र कुमार पर भारी पड़े हैं। बाकी कलाकारों ने अपने अपने किरदारों संग बस खानापूरी की है। सान्विका के चेहरे की मासूमियत अब भी प्रभावित करती है लेकिन लगता है कि करार में बंधे होने के चलते वह दूसरी वेब सीरीज नहीं कर पा रही हैं। और, इधर सीरीज का टेम्पो लगातार कमजोर होता जा रहा है।

‘पंचायत’ सीजन 4′ – image source: Google

तीसरे सीजन में ही ये सीरीज लड़खड़ाई थी और लगा था कि चौथे सीजन में इसे बनाने वाले इसे संभाल लेंगे। लेकिन शायद यहां चूक हो गयी। फुलेरा पंचायत के चुनावी मंहासंग्राम के साथ सीजन 4 तो खत्म हो गया है। लेकिन अबकी बार गांव में किसकी सरकार बनी है, उसके लिए आपको पंचायत सीजन 4 को देखना पड़ेगा। दूसरी तरफ सचिव जी का एमबीए (MBA) का परीक्षा निकल गया है और वह अब कब तक फुलेरा में रहेंगे ये भी एक बड़ा सवाल है। हमेशा की तरह इस बार भी पंचायत ने अगले सीजन के लिए एक अहम सवाल छोड़े हैं, जो इस बात की पक्की गारंटी है कि सिनेप्रेमियों को इसका पांचवा सीजन यानी पंचायत 5 भी देखने को

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles