Edited by: Vandana Ravindra.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को अहम निर्देश दिए। निर्देश देते हुए उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में खाली पदों को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और टेक्निकल संस्थाओं के छात्रों के माध्यम से भरा जाएगा।
नियुक्ति की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
यूपी सीएम ने कहा कि, खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाए। इसके अलावा आईआईटी आदि प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के दक्ष युवाओं को अच्छे पैकेज पर नियुक्ति दी जाए। इसको लेकर नियमानुसार बोर्ड स्तर पर फैसले लिए जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, अनापत्ति एवं सहमति शुल्क में वर्ष 2008 के बाद कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसको लेकर बोर्ड की तरफ से जरुरी बदलाव किए जाने चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि, मौजूदा समय में राज्य के 75 जिलों में 28 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इन्हें 18 मंडलों पर पुनर्गठित किया जाए, साथ ही हर जिले में एक-एक कार्यालय बनाने चाहिए।
पर्यावरणीय चुनौतियों के समुचित समाधान के लिए बोर्ड
जिन मंडलों में औद्योगिक गतिविधियां ज्यादा हो वहां एक से ज्यादा क्षेत्रीय कार्यालय बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि, नए दौर की पर्यावरणीय चुनौतियों के समुचित समाधान के लिए बोर्ड में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, हैजार्ड्स वेस्ट, ई-वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन सेल का गठन किया जाए। बताते चलें कि, बैठक में मुख्यमंत्री ने व्यापार से जुड़े हुए अनापत्ति आवेदन यानि सीटीओ/सीटीई निस्तारण के समय को और कम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, लाल, नारंगी तथा हरी श्रेणी के लिए अनापत्ति आवेदन का निस्तारण 120 दिनों में किया जा रहा है. इसे क्रमशः अभी 40, 25 और 10 दिनों में किया जाना चाहिए।
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