Edited by: Vandana Ravindra.
भारत-पाकिस्तान तनाव का दोनों देशों पर चौतरफा असर दिख रहा है। एक तरफ जहां पाकिस्तान कंगाली की राह पर बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भारत में साइबर हमले की आशंका जताई जाने लगी है।
एसटीएफ ने अपने साइबर कमांडो को सतर्क किया
देश में साइबर हमले की संभावना के मद्देनजर एसटीएफ ने अपने साइबर कमांडो को सतर्क कर दिया है। साथ ही हर प्रकार की वेब गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। इसी क्रम में एसटीएफ ने पिछले दिनों शामिल किए गए चार साइबर कमांडो को इस निगरानी तंत्र की जिम्मेदारी दी है। साइबर कमांडो के साथ इस टीम में 10 अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। ये सभी जागरूकता से लेकर हर संभावित हमले को नाकाम करने के लिए काम करेंगे। इसके लिए बृहस्पतिवार शाम को एसटीएफ कार्यालय में हुई बैठक में पूरी टीम को 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।
पाकिस्तान से तनाव के बीच साइबर हमले संभव
एसटीएफ ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि, लोगों को ऐसे माहौल में क्या सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि, पाकिस्तान से तनाव के बीच साइबर हमले हो सकते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर कई तरह के लिंक आदि दिखेंगे। आशंका है कि, दुश्मन अपने हैकर्स की मदद से सरकारी वेब सिस्टम पर हमला कर सकता है। सोशल मीडिया पर मौजूद ऐसे सभी वेब पेज को ब्लॉक किया जा रहा है, जो संदिग्ध हैं। इसके अलावा लालच और कमाई वाले लिंक और पेज को भी बंद कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी स्रोतों, अधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स और मान्यता प्राप्त एजेंसियों से प्राप्त सूचना
एसटीएफ की एडवाइजरी के मुताबिक, केवल सरकारी स्रोतों, अधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स और मान्यता प्राप्त एजेंसियों से प्राप्त सूचना ही साझा करें। किसी भी फोटो, वीडियो या समाचार को साझा करने से पहले उसकी पुष्टि सरकारी स्रोतों से करें। संदिग्ध पोस्ट या अकाउंट की रिपोर्ट तत्काल साइबर हेल्पलाइन और संबंधित एजेंसियों को करें। कुछ भी पोस्ट करने से पहले उसके प्रभाव पर जरूर विचार करें। इसके बाद ही उसे आगे प्रसारित करें।
ना की गतिविधियों या तैनाती की जानकारी साझा न करें
इसके अलावा एसटीएफ ने ये चीजे न करने की सलाह दी हैं। जैसे – सेना की गतिविधियों या तैनाती की जानकारी साझा न करें। असत्यापित या भड़काऊ सूचनाएं प्रसारित न करें, इससे आप अनजाने में फेक न्यूज फैलाने में दुश्मन की मदद कर सकते हैं। अनजाने बैंक खाते पर ध्यान न दें। क्योंकि, तनाव का समय है, इसका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। ऐसे में कोई सरकार की मदद के लिए बैंक खाता प्रसारित हो तो उसकी जांच कर लें। तभी आगे कदम बढ़ाएं। अनजाने ईमेल लिंक और अटैचमेंट या इस तरह के लिंक और ईमेल में वायरस या स्पाईवेयर (जासूसी) हो सकता है। कोई भी गलत एप डाउनलोड न करें हमेशा अनाधिकृत स्रोतों से कोई भी एप डाउनलोड न करें। लेकिन अगर इन सब सावधानियों के बाद भी साइबर धोखाधड़ी होती है तो हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। ऑनलाइन रिपोर्ट भेंजे, साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन शिकायत करें।