Edited by: Vandana Ravindra.
हमास के गाज़ा में लोगों ने इजरायली हमले में नष्ट हुई मस्जिद के पास बैठकर रमज़ान के पवित्र महीने की आखिरी नमाज पढ़ी। एक फ़लस्तीनी न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, रविवार को ईद-उल-फ़ितर के पहले दिन लोगों ने दीर-अल-बलाह में जाफ़ा मस्जिद के मलबे के पास नमाज़ पढ़ी।
गाजा के नागरिकों के पास जश्न मनाने के लिए कुछ खास नहीं
गाज़ा के मुसलमानों का कहना है कि, उनके पास जश्न मनाने के लिए कुछ खास नहीं है। इजरायल ने हाल ही में हमले करना दोबारा शुरू कर दिए हैं। एक तरफ मानवीय सहायता पर रोक लगा दिया है और बिजली आपूर्ति तक काट दी है। हमास गाजा पट्टी में एक फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह और राजनीतिक आंदोलन है।
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया
बता दें कि, 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंदी बना लिया था। जिसके बाद परिणामस्वरूप गाजा में बड़े पैमाने पर इजरायली सैन्य आक्रमण शुरू हो गया, जिसमें हजारों फिलिस्तीनी मारे गए। फिर हमास, जिसे अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल और कई अन्य देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है, इजरायल पर रॉकेट दागना जारी रखा है।
इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने के लिए एक समझौते पर सहमति नहीं
वहीं जनवरी 2025 में, इजरायल और हमास युद्ध रोकने और इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने के लिए एक समझौते पर सहमत हुए। हमास की शुरुआत 1987 में मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा के रूप में हुई थी। इसका नाम है इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन। वह फिलिस्तीनी भूमि पर इजरायल के अस्तित्व का विरोध करता है। वह अपनी जगह पर और कब्जे वाले पश्चिमी तट, पूर्वी यरुशलम और गाजा में इस्लाम पर आधारित एक राज्य चाहता है।
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