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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तोड़े स्थानीय आतंकवादियों के आशियाने, ताकि कश्मीरी युवा न देख सके आतंकी बनने का सपना…

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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तोड़े स्थानीय आतंकवादियों के आशियाने
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तोड़े स्थानीय आतंकवादियों के आशियाने
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Edited by: Vandana Ravindra.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्थानीय आतंकवादियों और उनके परिवारों को कड़ा संदेश देते हुए पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकवादियों के घरों को जमींदोज कर दिया है। सेना ने अनंतनाग के बिजबेहरा में आदिल हुसैन ठोकर उर्फ आदिल गुरेई, अवंतीपोरा में आसिफ शेख और पुलवामा में अहसान शेख के घरों को ध्वस्त कर दिया।

परिजनों को घर के बाहर कर तोड़े गए घर

प्रशासन की तरफ से आतंकवादियों के घरों को तोड़ते वक्त उनके परिजनों को घर के बाहर कर दिया गया। सेना की इस कार्रवाई के बारे में पता चलते ही आंतकवादियों के परिजनों ने अपना ज़रूरी सामान लेकर घर खाली कर दिया था। जाहिर है सेना की इस कार्रवाई के पीछे यही उद्देश्य था कि, आतंकियों को सबक मिल सके, इसके अलावा विस्फोट को इस तरह नियंत्रित किया गया कि आसपास के घरों को कोई नुकसान न हो। यह सावधानी इसलिए बरती गई ताकि यह संदेश दिया जा सके कि प्रशासन आम जनता के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखता है।

आतंकवाद या आतंकवाद को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई कार्रवाई

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सेना की तरफ से आगे भी कुछ और घरों को तोड़ा जा सकता है। जम्मू-कश्मीर सरकार के एक अधिकारी ने TOI को बताया कि यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से स्थानीय आतंकवाद या आतंकवाद को किसी भी तरह के समर्थन को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है। यह स्थानीय युवाओं के लिए एक कड़ी चेतावनी है कि, अगर वे बंदूक उठाते हैं और आतंकवादी समूहों में शामिल होते हैं, तो उनके परिवारों को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। उनके परिवारों को पासपोर्ट, सरकारी नौकरी और पुलिस क्लीयरेंस सहित सरकारी लाभ और सुविधाएं भी नहीं मिलेंगी।

आदिल 2018 में कानूनी रूप से पाकिस्तान गया था

जानकारी देते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि, यह सब केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। सेना के अधिकारी ने बताया कि, आतंकी आदिल 2018 में अटारी-वाघा सीमा पार करके कानूनी रूप से पाकिस्तान गया था। वहां उसने आतंकवाद का शिक्षा ली। वो पिछले साल ही कश्मीर वापस लौटा था। पाकिस्तान में उसे दो कट्टर पाकिस्तानी आतंकवादियों हाशिम मूसा और अली तालहा और अवंतीपोरा के एक स्थानीय आतंकवादी आसिफ शेख को हमले के लिए गाइड किया और रसद की व्यवस्था की। आदिल ने हमले की जगह की रेकी करने में मदद की थी।

आतंकी अहसान शेख ने भी की थी मदद


सेना के अधिकारी की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, आसिफ भी त्राल, पुलवामा और कुलगाम में सक्रिय प्रमुख आतंकवादी है, उसे पाकिस्तानी आतंकवादियों ने बिसरन के आसपास के इलाके, छिपने के स्थानों और भागने के रास्तों की जानकारी लेने के लिए अपनी टीम शामिल किया था। पुलवामा में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अहसान शेख ने पहलगाम हमले के लिए रसद की व्यवस्था की थी।

सरकार की मानें तो, आतंकवाद को रोकने के लिए ये कार्रवाई ज़रूरी है। उनका मानना है कि, आतंकवादियों के घरों को तोड़ने से बाकी बचे हुए युवा आतंकवाद में शामिल होने से बचेंगे। अगर कोई आतंकवादी बनता है, तो उसके परिवार को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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