Edited by: Vandana Ravindra.
भारत और इसके पड़ोसी देश यानि पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए संघर्ष विराम के एलान के बाद बीती रात यानि 11 मई को इसका असर देखने को मिला। दरअसल, 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले और सात मई को भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से जारी था।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में शांति रही
शांति बहाल होने पर भारतीय सेना ने की तरफ से बयान जारी किया कि, शनिवार शाम को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनने के बाद, रविवार और सोमवार की रात जम्मू-कश्मीर और नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में काफी हद तक शांति रही। इस दौरान गोलाबारी और फायरिंग की आवाज नहीं सुनाई दी। दरअसल, 23 अप्रैल से 6 मई तक नियंत्रण रेखा से लगे कई सेक्टरों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की घटनाएं हुईं। इसके बाद 7 से 11 मई के बीच भारी गोलाबारी और हवाई हमले शुरु हो गए।
सुरनकोट में भारी गोलाबारी
बता दें कि, सिर्फ दो दिन पहले, सुरनकोट में भारी गोलाबारी हुई, जिससे निवासियों में खौफ पैदा हो गया। हालांकि, अब शांति बहाल हो गयी है। जानकारी के मुताबिक, न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में बल्कि चंडीगढ़ समेत अन्य शहरों में भी सामान्य स्थिति लौट आई है। हालांकि, रविवार को ही आधिकारिक तौर पर सभी प्रतिबंध हटा लिए गए थे। इसी तरह, जैसलमेर में भी सब कुछ सामान्य है और बाजार खुला है। ‘दिन के समय कोई समस्या नहीं है। शाम 7:30 बजे के आसपास दुकानें बंद हो जाती हैं।
पाकिस्तान ने किया था पहला हमला…
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था।इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े । पाकिस्तान ने हमला किया तो भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिए। घबराए पाकिस्तान ने 10 मई को भारत के सामने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों देशों ने आपसी चर्चा के बाद लागू कर लिया। हालांकि सीजफायर लागू होने के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान की तरफ से इसका उल्लंघन किया गया, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।