Edited by: Vandana Ravindra.
भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तीन दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद शनिवार यानि 10 मई को सीजफायर समझौता कर लिया गया। जिस पर विपक्ष समेत कई पार्टी नेताओं ने सवाल खड़े किए है। इसी बीच इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मैं भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य को सलाम करता हूं- सचिन
दरअसल, सचिन पायलट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, पिछले कुछ दिनों में सरहद के पास वाले क्षेत्रों में जिन भारतीय नागरिकों की जान गई है, मैं उन्हें कांग्रेस पार्टी की तरफ से सांत्वना देना चाहता हूं और श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। “मैं भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य को सलाम करता हूं. भारतीय सेना ने एक बार फिर से दिखाया है कि वह दुनिया के सर्वोत्तम सेनाओं में से एक है. पिछले 24 घंटों में पूरा घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला है. हम सभी को आश्चर्य हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने की.”
शायद ये पहली बार है….
कांग्रेस महासचिव नेआश्चर्य जताते हुए कहा कि, “अमेरिका का दो दिन पहले कहना था, it’s none of our business… उसके बाद Secretary of State, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति सबसे पहले घोषणा करते हैं कि सीजफायर हो रहा है, उसके बाद पाकिस्तान और भारत भी सीजफायर का ऐलान करते हैं. यह जो मध्यस्थता हुई है, क्या इसे भारत सरकार ने Accept किया है? अमेरिका ने किन शर्तों पर इस प्रकार की घोषणा की है, यह बहुत बड़ा सवाल है. इसमें कश्मीर का जिक्र भी किया गया है। “यह शायद पहली बार हुआ है जब सीजफायर की घोषणा सोशल मीडिया के ज़रिए अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं. उन्होंने जो अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है, हमें उस पर भी ध्यान देना चाहिए. भारत और पाकिस्तान के बीच जो मसला है, उसका अंतरराष्ट्रीयकरण करना बेहद आश्चर्यजनक है.” “पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पूरे देश और विपक्ष समेत हर राजनीतिक दल से भारत सरकार को पूरा समर्थन मिला. हमने पहले दिन से ही साफ कहा था कि यह हमारी आत्मा पर हमला है और इसका मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है. सेना ने जो कदम उठाए, हमें उस पर गर्व है।
कांग्रेस महासचिव को सीजफायर समझौते पर शक…
कांग्रेस महासचिव ने सीजफायर पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “डिप्लोमेसी का अपना एक रोल है, लेकिन अगर इस प्रकार वॉशिंगटन से सीजफायर की घोषणा होती है, तो कई सवाल खड़े होते हैं. इस मुद्दे पर भारतीय थल सेना के पूर्व जनरल ने भी जो बातें बोली हैं, हमें उस पर ध्यान देना चाहिए. मैं मानता हूं कि सीजफायर की घोषणा के बाद जो बॉर्डर पर उल्लंघन हुए, यह इसकी विश्वसनीयता को खत्म करता है.”
सर्वदलीय बैठक की रखी मांग…
इसके साथ ही पायलट ने संसद में विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कहा कि, ” कांग्रेस पार्टी लंबे समय से ये मांग करती आई है कि ,एक विशेष संसद सत्र बुलाया जाए. आपको याद होगा कि 1994 में कांग्रेस सरकार ने सर्वसम्मति से PoK को वापस लेने का प्रस्ताव पारित कराया था. अब समय आ गया है कि हमें 1994 के प्रस्ताव को दोहराना चाहिए.”
सरकार को हमारी मांग सुननी चाहिए और एक विशेष संसद सत्र बुलाकर चर्चा करनी चाहिए ताकि पूरी दुनिया में संदेश जाए कि आतंकवाद और पाकिस्तान के दुस्साहस के खिलाफ पूरा देश एकजुट है.” उन्होंने कहा कि, “पिछली जो सर्वदलीय बैठकें हुईं, उसमें प्रधानमंत्री जी नहीं आ पाए थे, ऐसे में एक और सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए, ताकि देश और विपक्ष को एक विश्वास मिले. बैठक में इन बातों पर चर्चा हो कि सीजफायर किन शर्तों पर हुआ है? अगर सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान गोलाबारी कर रहा है तो उसकी विश्वसनीयता पर कब तक विश्वास किया जा सकता है? क्या गारंटी है कि भविष्य में इस प्रकार की घटना को अंजाम नहीं दिया जाएगा?”