Edited by: Vandana Ravindra.
रिजर्व बैंक ने आज हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक की। महंगाई के मोर्चे पर नरमी को देखते हुए एमपीसी से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने गंभीर चुनौतियां
अमेरिकी के टैरिफ लगाने के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने गंभीर चुनौतियां पैदा हो गई हैं। ताजा वैश्विक हालात के बीच एमपीसी की ओर से वृद्धि को प्रोत्साहित करने को लेकर फैसला किए जाने की जरूरत है। हालांकि, गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले का एलान बुधवार को होगा। फरवरी में एमपीसी ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया था।
25 आधार अंकों की एक और कटौती करने का फैसला
दरअसल, मई 2020 के बाद यह पहली कटौती थी और ढाई साल बाद पहली बार इसमें बदलाव किया गया था। जानकारों के मुताबिक, आरबीआई की दर निर्धारण समिति इस सप्ताह 25 आधार अंकों की एक और कटौती करने का फैसला ले सकती है। एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापार से संबंधित टैरिफ बाधाओं, मुद्रा बाजार में तेज उतार-चढ़ाव और नरम वैश्विक पूंजी प्रवाह से पूरी दुनिया के विकास को महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इन हालातों से कोई भी देश अछूता नहीं है।
रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती
इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में बदलाव की दिशा उदार रह सकती है। वैसे तो “आरबीआई को इस अवसर का पूरा फायदा उठाना चाहिए और आगामी बैठक में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती करनी चाहिए। इससे पहली बात तो यह कि, नीतिगत रुख बदलने में हुई देरी की भरपाई हो सकेगी। दूसरी बात यह कि यह मौका लंबे समय तक नहीं मिलेगा।”