Edited by: Vandana Ravindra.
योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में परिसीमन और तीन भाषा नीति विवाद को लेकर तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर वोटबैंक की राजनीति के लिए लोगों को भाषा के आधार पर बांटने के आरोप लगाए था, जिसको लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन यूपी सीएम पर हमलावर हो गए हैं।
आदित्यनाथ के एक बयान पर नाराजगी
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के एक बयान पर नाराजगी जताते हुए स्टालिन ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि, ‘तमिलनाडु की भाषा नीति और निष्पक्ष परिसीमन की मांग आज पूरे देश में गूंज रही है। भाजपा इससे परेशान है, जो उनके नेताओं के इंटरव्यू से पता चलता है। अब माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर भाषण देना चाहते हैं? हमें बख्श दीजिए। ये तो राजनीतिक कॉमेडी हो गई।’
योगी आदित्यनाथ के आरोपों पर सफाई भी दी
इतना ही नहीं स्टालिन ने योगी आदित्यनाथ के आरोपों पर सफाई भी दी। स्टालिन ने कहा कि, ‘हम किसी भाषा का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि हम थोपने और अंधराष्ट्रीयता का विरोध कर रहे हैं। यह वोट बैंक की राजनीति नहीं है बल्कि ये न्याय और स्वाभिमान की लड़ाई है।’
तमिलनाडु में भाषा नीति और परिसीमन के विरोध
बताते चलें कि, हाल ही एक प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तमिलनाडु में भाषा नीति और परिसीमन के विरोध की बात कही थी। योगी आदित्यनाथ ने भाषा विवाद को छोटी राजनीतिक सोच बताया था। उन्होंने कहा कि स्टालिन धर्म और भाषा के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनका वोटबैंक खिसक रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाषा को लोगों को एकजुट करना चाहिए न कि बांटना चाहिए। उन्होंने लोगों को भी बांटने वाली राजनीति से सावधान रहने की सलाह दी।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तीन भाषा नीति का विरोध
क्योंकि, तमिलनाडु की डीएमके सरकार एक तरफ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तीन भाषा नीति का विरोध कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ डीएमके सरकार परिसीमन को जनसंख्या के आधार पर करने का भी विरोध कर रही है। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि, परिसीमन के बाद दक्षिणी राज्य में जनसंख्या के आधार पर सीटें नहीं घटाई जाएंगी। शाह के इस बयान के बाद तमिलनाडु की सरकार लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है।
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