Home दुनिया पहलगाम हमला: भारत ने खत्म की सिंधु जल संधि, पाकिस्तान शिमला समझौता के उल्लघंन को तैयार…
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पहलगाम हमला: भारत ने खत्म की सिंधु जल संधि, पाकिस्तान शिमला समझौता के उल्लघंन को तैयार…

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दोनों देशों की सरकारों की सहमति से हुआ था शिमला समझौता
दोनों देशों की सरकारों की सहमति से हुआ था शिमला समझौता
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Edited by: Vandana Ravindra.

पहलगाम में 22 अप्रैल की हुए आंतकी हमले ने देशभर के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा और नफरत भर दी है। इस घटना को लेकर हर किसी के मन में गुस्सा है। लोगों की नाराजगी को लेकर भारत सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं।

भारत की ओर से किए गए इन फैसलों से पाकिस्तान बौखलाया

दरअसल, भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के उद्देश्य से सिंधु जल संधि रोकने, अटारी सीमा चौकी को बंद करने और पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को भारत छोड़ने के निर्देश दिए हैं। वहीं भारत की ओर से किए गए इन फैसलों से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक किया और सिंधु जल संधि रोकने के भारत के फैसले को युद्ध जैसा कृत्य बता डाला। इतना ही नहीं पाक ने जवाब में भारत और पाकिस्तान के बीच किए गए शिमला समझौते समेत द्विपक्षीय समझौते को स्थगित करने को कहा है।

2 जुलाई 1972 को शिमला में एक समझौता किया गया

बता दें कि, साल 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय भारत ने पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों को युद्ध बंदी बना लिया था। हार मानकर पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार, पाक युद्ध बंदियों को छुड़ाने की कवायद शुरू की। इसके बाद दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बनाने को लेकर 2 जुलाई 1972 को शिमला में एक समझौता किया गया। और 17 सितंबर 1971 को युद्ध विराम के20 दिनों के अंदर दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी सीमा में जाने पर सहमति हुई। दोनों देशों/सरकारों के अध्यक्ष भविष्य में भी मिलते रहने और संबंध सामान्य बनाए रखने के दोनों देशों के अधिकारी बातचीत पर सहमति जताई।

शिमला समझौते में इन शर्तों पर बनी बात

इसके अलावा दोनों देश सभी विवादों और समस्याओं के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सीधी बातचीत करेंगे। दोनों देश एक दूसरे को यातायात की सुविधाएं देंगे। व्यापार और आर्थिक सहयोग फिर से स्थापित किए जाएंगे।किसी भी लंबित मामले में दोनों पक्ष में से कोई भी स्थिति में बदलाव करने की एकतरफा कोशिश नहीं करेगा। दोनों पक्ष शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखेंगे। दोनों देश एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करेंगे। समानता और आपसी लाभ के आधार पर दोनों देशों के आंतरिक मामले में दखल नहीं देंगे।

दोनों देशों की सरकारों ने जताई थी सहमति

साथ ही दोनों सरकारें संचार के लिए डाक, टेलीग्राफ सेवा, समुद्र, सीमा डाक समेत सतही संचार माध्यमों, उड़ान समेत हवाई लिंक बहाल करेंगे। शांति की स्थापना, युद्धबंदियों और शहरी बंदियों की अदला-बदला के सवाल, जम्मू-कश्मीर के अंतिम निपटारे और राजनयिक संबंधों को सामान्य करने की संभावनाओं पर काम करने के लिए दोनों पक्षों के प्रतिनिधि मिलते रहेंगे और आपस में चर्चा करेंगे। दोनों देशों के बीच सहमति बनी कि जहां तक संभव होगा आर्थिक और अन्य सहमति वाले क्षेत्रों में व्यापार और सहयोग बढ़ेगा। विज्ञान और संस्कृति के मैदान में आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की सहमति बनी।

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