Edited by: Vandana Ravindra.
पंजाब में अपनी मांगों को लेकर 5 मार्च से चंडीगढ़ घेराव करके आंदोलन करने जा रहे किसानों से पंजाब सीएम नाराज हो गए और तीखी बहस के बाद सीएम गुस्से में बैठक छोड़कर चले गए।
मीटिंग बीच में छोड़ कर चले गए पंजाब सीएम
सोमवार शाम को चंडीगढ़ में पंजाब भवन राजनीतिक के 40 नेताओं और मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ संयुक्त किसान मोर्चा- बीच में बैठक हुई। किसान नेताओं ने बताया कि, चर्चा अच्छी चल रही थी, लेकिन कुछ मांगों पर बहस हो गई। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने उनकी बेइज्जती की और कहा, “जाओ करते रहो धरना” ये कहकर मीटिंग बीच में छोड़कर चले गए।
किसानों से बात करते हुए सीएम हुए हाइपर
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि, ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों के साथ बातचीत के दौरान अचानक से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एकदम हाइपर हो गए और मीटिंग छोड़कर चले गए। वह किसानों को कह गए कि, 5 तारीख को जो करना है कर लो, लगा लो धरना। हालांकि, इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि, किसानों से बातचीत के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन आंदोलन के नाम पर आम लोगों को परेशान करने से बचना चाहिए। सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है, इसलिए रेलों या सड़कों को रोकने से आम जनता को होने वाली परेशानी से बचना चाहिए।
सीएम मान ने की अपील
सीएम मान ने कहा कि, ऐसी कार्रवाइयां आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी करती हैं, जिससे लोग आंदोलनकारियों के खिलाफ हो जाते हैं और समाज में फूट पड़ती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दुर्भाग्य से आम लोगों को ऐसे विरोध प्रदर्शनों के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ता है, जो पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही विरोध प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि इससे राज्य को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारी और उद्योगपति इस बात पर दुख व्यक्त कर रहे हैं कि बार-बार सड़कें और रेल मार्ग जाम करने से उनके व्यवसाय तबाह हो रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने किसानों से समाज में फूट डालने वाली ऐसी रणनीतियों से बचने की अपील की।