Edited by: Vandana Ravindra.
दिल्ली उच्च न्यायालय के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिली है। जिसके बाद से ये मामला लगातार गरमाता ही जा रहा है। लोग भ्रष्टाचार को लेकर अनेकानेक आरोप लगा रहे हैं।
आंतरिक जांच के आदेश
मुख्य न्यायाधीश ने नकदी मिलने के मामले की आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा से उनके ऊपर लगे आरोपों पर जवाब मांगा था। हालांकि, जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों से साफ इनकार किया है, और दावा किया है कि, स्टोररूम में उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य ने कोई नकदी नहीं रखी है। जस्टिस वर्मा ने कहा कि, ये सिर्फ उन्हें बदनाम करने की साजिश हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर एक वीडियो जारी
इधर, सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें जस्टिस वर्मा के आवास से मिले जले हुए नोटों की गड्डियां दिख रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की आंतरिक जांच शुरू करने का दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि, इस मामले की जांच तक जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई भी न्यायिक जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए।
तीन सदस्यीय समिति गठित
वहीं मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। समिति के सदस्यों में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनु शिवरामन शामिल हैं।
मेरी प्रतिष्ठा को दागदार कर दिया
जस्टिस वर्मा ने अपने जवाब में कहा कि ‘इस घटना ने एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में एक दशक से अधिक समय में बनाई गई मेरी प्रतिष्ठा को दागदार कर दिया है, और इसने मुझे अपना बचाव करने का कोई साधन नहीं छोड़ा है। जस्टिस डी.के. उपाध्याय को भेजे पत्र में जस्टिस वर्मा ने लिखा कि ‘मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य को स्टोर रूम में मिली नकदी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न ही मेरे या मेरे परिवार को ये नकदी दिखाई गई।’
’14-15 मार्च की रात उनके सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी
जस्टिस वर्मा ने घटना को याद करते हुए बताया कि ’14-15 मार्च की रात उनके सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी। यह स्टोर रूम उनके स्टाफ क्वार्टर के पास स्थित है। स्टोर रूम को आम तौर पर इस्तेमाल न होने वाले फर्नीचर, बोतल, क्रॉकरी, इस्तेमाल किए हुए कारपेट आदि रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही उस स्टोर रूम में सीपीडब्लूडी का सामान भी रखा रहता है।
नकदी से हमारा कोई संबंध नहीं
उन्होंने कहा कि, मैं फिर एक बार साफ कर दूं कि, न तो मेरे द्वारा या मेरे परिवार के द्वारा कोई नकदी स्टोर रूम में नहीं रखी गई थी और न ही कथित तौर पर मिली नकदी से हमारा कोई संबंध है। ये पैसा हमारे द्वारा रखे जाने का दावा पूरी तरह से हास्यास्पद है।’ उन्होंने कहा कि एक ऐसी जगह पर नकदी रखने का विचार ही बेतुका है, जहां सब लोग आ जा सकते हैं।
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