Edited by: Vandana Ravindra.
मुंबई आतंकी हमलों के गुनहगार तहव्वुर राणा को एक बार फिर झटका लगा है। दरअसल, भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दायर उसकी याचिका खारिज कर दी गई है।
दरअसल, राणा ने इस याचिका में दावा किया था कि, चूंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है, इसलिए उसे वहां प्रताड़ित किया जाएगा। याचिका में राणा ने तर्क दिया कि, भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए उसके जिंदा बचे रहने की संभावना कम होगी। इसके लिए राणा ने अपनी गंभीर बीमारियों सहित कई कारकों का हवाला दिया। उसकी याचिका में ये भी कहा गया कि, अगर उसके प्रत्यर्पण पर रोक नहीं लगाई जाती है तो फिर कोई समीक्षा नहीं हो पाएगी। राणा ने याचिका के गुण-दोष के आधार पर अपने प्रत्यर्पण और भारत के समक्ष आत्मसमर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी।
बता दें कि, 64 साल का राणा, पाकिस्तानी मूल का एक कनाडाई नागरिक है। फिलहाल वो लास एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद है। उसके पास अमेरिकी नागरिकता थी। उसकी मां अमेरिकी और पिता पाकिस्तानी थे। राणा पर आरोप है कि, 26/11 हमले के सिलसिले में उसने अपने सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली यानि दाऊद गिलानी की मदद की थी। हेडली मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। अमेरिकी अधिकारियों ने उसे अक्टूबर, 2009 में गिरफ्तार किया था।
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