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बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ की सकुशल वापसी, अटारी-वाघा पर परिवार कर रहा था इंतजार…

बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ की सकुशल वापसी, अटारी-वाघा पर परिवार कर रहा था इंतजार…

Edited by: Vandana Ravindra.

पाकिस्तान ने बुधवार को पंजाब में अटारी-वाघा सीमा के रास्ते 23 अप्रैल को पकड़े गए बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को सुबह 10:30 बजे सीमा सुरक्षा बल (BSF) को सौंप दिया।


जानकारी देते हुए बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि, शांतिपूर्ण तरीके से और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार पंजाब के फिरोजपुर साहू को भारत को सौंप दिया गया। दरअसल, 23 अप्रैल को 182वीं बीएसएफ बटालियन के कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ, अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) को गलती से पार करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को पकड़ लिया था। वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास खेत के पास ड्यूटी पर थे।

पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे हिरासत में ले लिया था

वे फसल कटाई के दौरान भारतीय किसानों पर नजर रख रहे थे। बीएसएफ, किसानों की सुरक्षा भी करती है। लिहाजा तेज गर्मी के मौसम में जवान ने जब पेड़ की छांव में खड़े होने चले गए तो पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे हिरासत में ले लिया। उनकी सर्विस राइफल भी जब्त कर ली गई। वे कुछ समय पहले ही इस क्षेत्र में तैनात हुए थे। मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रिशरा के रहने वाले पूर्णम 182वीं बटालियन, बॉर्डर के गेट संख्या 208/1 पर तैनात जवान की पत्नी ने उनकी रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। रजनी ने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात भी की थी।

भारत की तरफ से कई बार फ्लैग मीटिंग कॉल की गई

हालांकि, इधर, बीएसएफ जवान की रिहाई को लेकर सरकार लगातार सक्रिय थी। इनकी रिहाई के लिए भारत की तरफ से कई बार फ्लैग मीटिंग कॉल की गई, लेकिन पाकिस्तानी रेंजर्स की तरफ से कोई ठोस रिस्पांस नहीं मिल रहा था। इसके बाद बीएसएफ के जवान की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए डिप्लोमेटिक चैनल की मदद ली गई। बीएसएफ के पूर्व अफसरों का कहना था कि गलती से एक दूसरे देश की सीमा में चले जाना कोई बड़ा अपराध नहीं है। पहले भी दोनों पक्षों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है।

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