Edited by: Vandana Ravindra.
भारत सरकार और सुरक्षा बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद अस्थायी रूप से बंद की गई रिट्रीट सेरेमनी को एक बार फिर से शुरू करने का बड़ा फैसला लिया है। यह ऐतिहासिक और रोमांचक सैन्य परंपरा अब 6 मई 2025 से दोबारा शुरू होगी, जिससे देशवासियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है।
अब आम नागरिक भी इस आयोजन में हिस्सा ले सकेंगे और भारत-पाकिस्तान की सीमा पर होने वाले बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) को करीब से देख पाएंगे। यह कार्यक्रम रोजाना शाम 6:30 बजे भारत-पाकिस्तान के बीच तीन मुख्य बॉर्डर पोस्ट्स – अटारी (वाघा), हुसैनीवाला (फिरोजपुर) और सादकी (फाजिल्का) – पर आयोजित किया जाएगा।
क्या है रिट्रीट सेरेमनी?
रिट्रीट सेरेमनी एक सम्मानजनक और उच्च अनुशासन वाला सैन्य आयोजन है, जिसमें भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) और पाकिस्तान रेंजर्स के जवान पारंपरिक सैन्य चालों, ध्वज अवरोहण और तालमेल के साथ एक भव्य परेड का प्रदर्शन करते हैं। यह आयोजन न केवल सीमाओं की निगरानी में तैनात बलों की वीरता को दर्शाता है, बल्कि देशभक्ति, गौरव और सैन्य परंपरा की मिसाल भी पेश करता है।

क्यों हुई थी बंद?
अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने एहतियातन इन आयोजनों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया था। सुरक्षा कारणों से जनता की उपस्थिति पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब स्थिति की समीक्षा के बाद सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने इसे फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी है।
जनता के लिए क्यों खास है यह फैसला?
- देशभक्ति का ज्वलंत अनुभव: यह सेरेमनी दर्शकों को राष्ट्र के प्रति गर्व और एकता का भाव प्रदान करती है।
- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: रिट्रीट सेरेमनी को देखने हज़ारों पर्यटक देशभर से बॉर्डर क्षेत्रों में पहुंचते हैं।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा: आयोजनों की बहाली से स्थानीय दुकानदारों, होटल व्यवसायियों और गाइड्स को फिर से काम मिलेगा।
- युवाओं में प्रेरणा: इस कार्यक्रम को देखकर युवा वर्ग सेना में सेवा देने के लिए प्रेरित होता है।
आयोजन स्थल और समय:
बॉर्डर पोस्ट | स्थान | समय |
---|---|---|
अटारी-वाघा बॉर्डर | अमृतसर, पंजाब | शाम 6:30 बजे |
हुसैनीवाला बॉर्डर | फिरोजपुर, पंजाब | शाम 6:30 बजे |
सादकी बॉर्डर | फाजिल्का, पंजाब | शाम 6:30 बजे |

कैसे करें भागीदारी?
सरकार और बीएसएफ की ओर से जल्द ही आम नागरिकों के लिए ऑनलाइन पास और प्रवेश दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। आयोजन में शामिल होने के लिए पहचान पत्र जरूरी होगा, और कुछ सुरक्षा नियमों का पालन करना अनिवार्य रहेगा।
रिट्रीट सेरेमनी की पुनः शुरुआत केवल एक आयोजन भर नहीं है, बल्कि यह भारत की सैन्य गरिमा, सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का जीवंत प्रतीक है। इस फैसले से न केवल सीमाओं पर फिर से जोश और गर्व का माहौल बनेगा, बल्कि आम नागरिकों को भी अपने देश की रक्षा पर गर्व महसूस करने का सुअवसर मिलेगा।
अगर आप इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो तैयार हो जाइए – रिट्रीट सेरेमनी 2025 एक बार फिर आपके सामने है, पूरे जोश, गर्व और देशभक्ति के साथ!
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