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Love, Divorce और AK-47, कानपुर की डॉक्टर शाहीन की कहानी जिसने चौंका दिया सबको

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लखनऊ – देशभर में चर्चित हो चुके आतंक मॉड्यूल केस में लखनऊ की महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी ने सबको हैरान कर दिया है। कभी कानपुर के हैलट अस्पताल में सेवाएं देने वाली यह डॉक्टर अब आतंकी नेटवर्क से जुड़ी पाई गई है। पुलिस ने उनकी कार से AK-47 राइफल, पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद किए हैं।

कौन हैं डॉ. शाहीन शाहिद?

शाहीन लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली हैं। उन्होंने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (कानपुर) से पढ़ाई की और कई वर्षों तक हैलट हॉस्पिटल में बतौर डॉक्टर काम किया। बताया जाता है कि वे बेहद शांत और धार्मिक स्वभाव की थीं।
शाहीन की शादी महाराष्ट्र निवासी जफर हयात से हुई थी, लेकिन कुछ साल पहले उनका तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और हरियाणा के फरीदाबाद में रहने लगीं।

तलाक के बाद जिंदगी ने लिया खतरनाक मोड़

फरीदाबाद में रहते हुए शाहीन की मुलाकात हुई डॉ. मुझम्मिल शकील से, जो कश्मीर के पुलवामा जिले के कोइल इलाके का रहने वाला है। दोनों डॉक्टर होने के कारण एक-दूसरे के करीब आए, लेकिन इसी बीच मुझम्मिल का असली चेहरा सामने आया।
जांच में खुलासा हुआ कि मुझम्मिल आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था और उसने अपने किराए के घर में 360 किलो विस्फोटक, AK-47 और कारतूस छिपाकर रखे थे।


शाहीन की कार से हथियार बरामद

हरियाणा के फरीदाबाद के धौज इलाके में जब पुलिस ने छापेमारी की, तो वहां से शाहीन की स्विफ्ट डिज़ायर कार मिली।
कार की तलाशी में एक AK Krinkov राइफल, तीन मैगजीन, एक पिस्तौल, दो खाली कारतूस और दो अतिरिक्त मैगजीन बरामद हुईं।
जांच में पता चला कि यह वही कार थी जिसे मुझम्मिल शकील इस्तेमाल करता था।

आतंक मॉड्यूल में डॉक्टरों की भूमिका

यह मामला सामने आने के बाद एजेंसियों ने जांच शुरू की तो कई डॉक्टरों की संलिप्तता उजागर हुई।
सबसे पहले कश्मीर के डॉ. आदिल अहमद राठर को गिरफ्तार किया गया, जो श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में पकड़ा गया था।
आदिल के कॉलेज लॉकर से AK-47 और गोला-बारूद बरामद हुए। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि 2021 से डॉक्टरों का एक नेटवर्क आतंकियों की भर्ती और फंडिंग में शामिल है।

इस नेटवर्क का हैंडलर बताया गया है, डॉ. ओमर उर्फ हाशिम, जो श्रीनगर का निवासी है और लंबे समय से जैश-ए-मोहम्मद व गज़वत-उल-हिंद से जुड़ा हुआ है।

डॉ. शाहीन की भूमिका

एजेंसियों के मुताबिक शाहीन इस नेटवर्क में लॉजिस्टिक सपोर्ट का काम करती थीं।
उनके बैंक ट्रांजेक्शन, कॉल रिकॉर्ड और मैसेजिंग ऐप्स की जांच की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें फरीदाबाद से गिरफ्तार कर हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंचाया, जहां उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क “व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल” के नाम से जाना जा रहा है यानी शिक्षित और पेशेवर लोगों द्वारा चलाया जा रहा आतंक नेटवर्क।

देशभर में मचा हड़कंप

डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी के बाद यूपी, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में पुलिस और ATS की टीमों ने कई जगह छापेमारी की है।
लखनऊ के मदीयॉन और लालबाग इलाके में उनके घर और रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई है।

यह पहला मामला है जब किसी महिला डॉक्टर के पास से AK-47 राइफल बरामद हुई है।सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह नेटवर्क उच्च शिक्षित पेशेवरों के माध्यम से आतंक की नई रणनीति अपना रहा था।

समाज के लिए चेतावनी

डॉ. शाहीन शाहिद की कहानी एक गंभीर चेतावनी है कि आतंक अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा।अब इसकी जड़ें शिक्षा संस्थानों, अस्पतालों और पेशेवर वर्ग तक फैल चुकी हैं।एक डॉक्टर जिसने कभी मरीजों की जान बचाने की कसम खाई थी, अब उसी के खिलाफ देश के कानून के सबसे कठोर प्रावधान लगाए जा रहे हैं।

आगे पढ़िए : जिला जेल में 18 से अधिक आतंकी बंद, क्या सुरक्षा इंतज़ाम पर्याप्त हैं?

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