Edited by: Vandana Ravindra.
परमहंस योगानंद के जन्म के 132 साल बाद उनकी जन्मभूमि पर ‘योगभूमि’ बनाने के लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने नींव रखी। श्री परमहंस योगानंद जन्मस्थली स्मृति भवन’ का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन और शिलान्यास करने के बाद मुख्यमंत्री ने मौके पर इस पर्यटन विकास परियोजना के मॉडल, लेआउट, ड्राइंग मैप का अवलोकन किया। इसके बाद योगानंद से गोरखपुर व गोरखनाथ मंदिर के गहरे रिश्ते के बारे में बताया।
यूपी सीएम ने की योगानंद की तारीफ
यूपी सीएम बोले परमहंस योगानंद के मन में योग और आध्यात्म का बीजारोपण बाल्यकाल में गोरखनाथ मंदिर आने-जाने के दौरान हुआ। तभी से वो संत हो गए और क्रिया योग को दुनियाभर में स्थापित किया। 60 साल की कुल उम्र में योग के जरिये वो विश्वभर में छा गए। योगानंद ने अपनी आत्मकथा के जन्मस्थली के रूप में गोरखपुर का जिक्र पूरे सम्मान के साथ किया है। सीएम योगी ने इस दौरान गुरु गोरक्षनाथ, योगिराज बाबा गंभीरनाथ सहित बंगाल के सिद्ध संतों रामकृष्ण परमहंस, स्वामी प्रवणानंद, लाहिड़ी महाशय आदि को याद किया। योगी ने कहा कि देश के अलग अलग स्थानों पर साधकों की अलग अलग परंपरा रही है, जिन्होंने अपनी साधना से लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया।
शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सांसद रवि किशन
वहीं शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सांसद रवि किशन ने कहा कि, परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर स्मारक बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल की गूंज अमेरिका तक जाएगी। उन्होंने कहा कि फिल्मों की शूटिंग के दौरान उन्हें यह देखने को मिला है कि योगानंद जी के अनुयायी अमेरिका सहित समूची दुनिया में हैं। ऐसे में योगानंद की जन्मभूमि के विकसित हो जाने के बाद दुनिया भर के पर्यटक इस तीर्थ स्थल पर आएंगे और अपने गुरु की जन्मस्थली पर शीश नवाएंगे।
बताते चलें कि, अधिकारियों ने स्मृति भवन के अलग-अलग तल पर बनने वाली व्यवस्थाओं और उपलब्ध होने वाली सुविधाओं की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि, डेढ़ साल के अंदर ही पूर्ण गुणवत्ता के साथ योग मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए।