आज यानि 15 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली विदेश यात्रा पर रवाना हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी तीन देशों की यात्रा करेंगे। पीएम मोदी रविवार सुबह साइप्रस के लिए रवाना हुए।

पीएमओ ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 15-16 जून को साइप्रस की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान तीन देशों की यात्रा पर हैं, जिसमें 16-17 जून को वो कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके बाद उनका क्रोएशिया का भी दौरा होगा। पीएम मोदी का ये दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी अगले हफ्ते कनाडा में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वहां उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात हो सकती है। दरअसल, यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि, ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में मदद की थी। लेकिन भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया था। पीएम मोदी 15 से 19 जून तक तीन देशों की यात्रा करेंगे। विदेश दौरे पर पीएम मोदी पहले साइप्रस जाएंगे, फिर कनाडा और आखिर में क्रोएशिया का दौरा करेंगे।

पीएम मोदी का ये विदेश दौरा कूटनीतिक तौर पर बेहद अहम माना जा रहा है। उनका लक्ष्य सीमा पार आतंकवाद और आतंकी समूहों के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाना है। प्रधानमंत्री मोदी 16-17 जून को कनाडा के कनानास्किस जाएंगे। उन्हें कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने G7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। यह उनका लगातार छठा G7 शिखर सम्मेलन होगा। इस दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें होने की भी संभावना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी G7 शिखर सम्मेलन के दौरान कई देशों के नेताओं से मिलेंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर पीएम मोदी और ट्रंप मिलते हैं, तो भारतीय प्रधानमंत्री सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर जोर देंगे। भारत ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की थी। उस कार्रवाई में सीमा पार आतंकवाद को ही निशाना बनाया गया था। ट्रंप ने कई बार कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में मदद की। उन्होंने यह भी कहा कि, उन्होंने व्यापार को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। हालांकि, भारत ने इस पर दो टूक कहा कि अमेरिका ने इस मामले में कोई मध्यस्थता नहीं की। यह एक द्विपक्षीय मामला है।

भारतीय अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका भारत के संपर्क में था। लेकिन अमेरिका ने युद्धविराम कराने में कोई भूमिका नहीं निभाई। व्यापार पर भी कोई चर्चा नहीं हुई। ट्रंप प्रशासन के पाकिस्तान की सेना के साथ कथित संबंधों के कारण भारत के साथ रिश्ते थोड़े तनावपूर्ण हैं।
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