Home खेल 20 जून से शुरु होगा इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला, अनुभव के अभाव में गिल पर बड़ी जिम्मेदारी
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20 जून से शुरु होगा इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला, अनुभव के अभाव में गिल पर बड़ी जिम्मेदारी

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इंग्लैंड और भारत टेस्ट सीरीज
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भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 20 जून से खेली जाएगी। सीरीज का पहला मैच यानि पहला टेस्ट हेडिंग्ले के लीड्स स्टेडियम में भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे से शुरू होगा। भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का सीधा प्रसारण सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर होगा, लेकिन इसके लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। हालांकि, इस सीरीज का मुफ्त में भी लुत्फ उठा सकते हैं। भारत-इंग्लैंड सीरीज आप फ्री डिश पर भी देख सकते हैं। इसका सीधा प्रसारण डीडी स्पोर्ट्स पर भी होगा। इसके अलावा इसकी लाइव स्ट्रीमिंग जियोहॉटस्टार पर होगी।

इस टेस्ट सीरीज के लिए शुभमन गिल को टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया है, जबकि ऋषभ पंत उपकप्तान होंगे। वहीं इंग्लैंड की कमान 34 साल के अनुभवी ऑलराउंडर बेन स्टोक्स संभाल रहे हैं। 1932 में भारत ने इंग्लैंड के लॉर्ड्स स्टेडियम से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना सफर करियर शुरू करने वाले बेन की यहां 94 साल में 3 ही टेस्ट सीरीज जीत चुकी है। क्योंकि, टीम में अब अनुभवी खिलाड़ियों की कमी है और रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद पहली बार टीम इंडिया अपनी पहली टेस्ट सीरीज खेलेगी। आर अश्विन के भी टेस्ट संन्यास के बाद टीम को उनकी कमी खलेगी। वहीं, हेड कोच गौतम गंभीर ने कुछ अनुभवी खिलाड़ी और युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जताया है। हालांकि, इसके बावजूद टीम में कई ऐसी चीजें हैं, जो चिंताजनक है। गिल का इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट सीरीज में चुनौतियों से पार करना आसान नहीं होगा।

इसी बीच टेस्ट टीम में कुछ खिलाड़ियों के चुने जाने पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। भारतीय टीम के स्ट्रेंथ की बात करें तो, भारतीय स्क्वाड में जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ी हैं। बुमराह मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक हैं। इंग्लैंड की टीम ये कभी नहीं चाहेगी कि, बुमराह पांचों टेस्ट मैच खेलेंगे, क्योंकि अगर वह खेलेंगे तो बड़े-बड़े बल्लेबाजों की फिर खैर नहीं होगी। बुमराह ने टेस्ट इतिहास में 200 विकेट 20 से कम की औसत से लिए हैं। ऐसा अब तक कोई भी गेंदबाज नहीं कर पाया हैं। उन्होंने BGT 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल 32 विकेट चटकाए थे। इसके अलावा टीम इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकत रहेगी उसकी युवा बैटिंग। अनुभवी खिलाड़ियों के टेस्ट से संन्यास का एलान के बाद अब बैटिंग ऑर्डर में भले ही अनुभव की कमी हो लेकिन टेस्ट टीम में जो बल्लेबाज चुने गए हैं, उसमें ज्यादातर लय में है। ओपनर के तौर पर यशस्वी जायसवाल केएल राहुल का साथ देते नजर आएंगे तो वहीं तीसरे और चौथे नंबर पर वापसी कर रहे करुण नायर और कप्तान गिल होंगे। पंत, साई सुदर्शन, जडेजा, अभिमन्यु और नीतीश रेड्डी जैसे  खिलाड़ियों का विकल्प भी भारत के पास मौजूद रहेगा।

हालांकि, भारतीय टीम की कमजोरी की बात करें तो, इंग्लैंड में टेस्ट मैच जीतना हमेशा से एक कड़ी चुनौती रही है। यहां टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी रही है, कैच छोड़ना, भारतीय खिलाड़ियों को स्लिप कॉर्डन में कैच पकड़ने की खासकर तैयारी रखनी होगी। क्योंकि, इंग्लैंड के बल्लेबाजों का स्लिप में कैच लेना आसान नहीं होता। ड्यूक्स गेंद बहुत ज्यादा स्विंग करती है, जिससे विकेटकीपर और स्लिप फील्डर दोनों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बल्लेबाजी में दूसरे खिलाड़ियो के मुकाबले शुभमन गिल की बात करें तो 25 साल के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल का इंग्लैंड में अनुभव खराब ही रहा है, उन्होंने अब तक इंग्लैंड में 3 मैच की 6 पारियों में 14.66 के औसत से सिर्फ 88 रन ही बनाए हैं। ऐसे में उन पर कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों का दबाव रहेगा।

और टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी चिंता की वजह ये भी है कि, तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पूरी सीरीज में उपलब्ध नहीं रहेंगे। वो इस 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के कुछ ही मुकाबले खेलेंगे। ऐसे में बुमराह की गैरमौजूदगी में कोच गंभीर और कप्तान गिल को ऐसा विकल्प लाना होगा, जो इसकी भरपाई कर सके। हालांकि, टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरे के लिए एक्स फैक्टर कुलदीप यादव हो सकते हैं। उन्होंने अब तक कुल 13 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें 24 पारियों में 56 विकेट लिए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ वह इससे पहले 6 टेस्ट खेल चुके हैं, जिनमें 11 पारियों में उन्होंने 21 विकेट चटकाए।

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट मुकाबलों की बात करें तो कुल 136 मुकाबलों में से भारत ने सिर्फ 35 मैचों में जीत हासिल की है जबकि, इंग्लैंड 51 मुकाबले जीता है। वहीं दोनों के बीच 50 मैच ड्रा हुए हैं। वैसे तो भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज्यादा मैच महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में जीते हैं, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ विराट कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं कोहली की कप्तानी में भारत ने 7 मैचों में इंग्लैंड को मात दी है। 2007 में जीत के बाद भारत को एमएस धोनी की कप्तानी में लगातार 2 सीरीज गंवानी पड़ीं। 2018 में विराट कोहली की लीडरशिप में भी टीम हार गई, लेकिन 2021 में कोहली ने ही 5 टेस्ट की सीरीज में 2-1 की बढ़त दिला दी। कोरोना महामारी के कारण सीरीज का आखिरी मुकाबला अगले साल खेला गया।

बताते चलें कि, साल 1971 के बाद भारत ने इंग्लैंड में 3 लगातार सीरीज गंवाईं, फिर कपिल देव की कप्तानी में 3 टेस्ट की सीरीज 2-0 से जीत ली। इसके बाद भारत ने 2002 में सौरव गांगुली की कप्तानी में 4 मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ खेली, फिर 2007 में अगली ही सीरीज राहुल द्रविड़ की कप्तानी में जीती थी।

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