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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- खुफिया जानकारी में खामी हुई, फिर क्यों नहीं हुई सेना तैनात…

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- खुफिया जानकारी में खामी हुई, फिर क्यों नहीं हुई सेना तैनात…

Edited by: Vandana Ravindra.

पीएम मोदी के कश्मीर दौरा रद्द करने के तीसरे दिन मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर पहलगाम में आतंकी हमला होने के बाद से ही कई तरह के सवाल किए जा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड की राजधानी रांची में ‘संविधान बचाओ’ रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।

अपना दौरा रद्द कर दिया

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की खुफिया रिपोर्ट मिली थी, 22 अप्रैल को पहलगाम हमले से तीन दिन पहले रिपोर्ट मिलने के बाद ही उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश का अपना दौरा रद्द कर दिया था। खरगे ने कहा कि, मैंने यह बात एक अखबार में भी पढ़ी थी। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि खुफिया जानकारी में खामी थी। जिसको लेकर उन्होंने सवाल किया कि, ‘क्या केंद्र को पहलगाम हमले में हुई मौतों के लिए जवाबदेह नहीं होना चाहिए, जब उसने खुफिया जानकारी में खामी स्वीकार कर ली है।’ उन्होंने एलान किया कि, कांग्रेस पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के लिए केंद्र के साथ खड़ी है, क्योंकि देश सर्वोच्च है और पार्टी, धर्म और जाति से परे है।

पहलगाम में अधिक सुरक्षा बल क्यों नहीं तैनात किए

खरने से सरकार से ये भी सवाल किया कि, आतंकी हमले की खुफिया रिपोर्ट होने के बाद भी केंद्र ने पहलगाम में अधिक सुरक्षा बल क्यों नहीं तैनात किए? क्या केंद्र को पहलगाम हमले में जानमाल के नुकसान के लिए जवाबदेह नहीं होना चाहिए, जब उसने खुद खुफिया चूक स्वीकार कर ली है। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के लिए कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी है। पार्टी से परे देश सर्वोच्च है। खरगे बोले कि, हम भारत, गरीब लोगों, आदिवासियों के लिए लड़ते हैं। खरगे ने सीधे तौर पर आरोप लगाय कि, भाजपा केवल ‘जुमला’ (बयानबाजी) में विश्वास करती है। पीएम मोदी की नीति सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को बंद करना, एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों से नौकरियां छीनना है।

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