Edited by: Vandana Ravindra.
राजधानी लखनऊ में जमीन की कीमतें और बढ़ेंगी, जिससे आम आदमी के लिए जमीन खरीदना और मुश्किल हो जाएगा। यह बढ़ोतरी विशेष रूप से नेशनल हाइवे के किनारे की जमीनों को प्रभावित करेगी। 2016 के बाद यह पहली बड़ी बढ़ोतरी है।
सर्किल रेट में 10 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी
दरअसल, उत्तर प्रदेश में जमीनों के सर्किल रेट में 10 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी के प्रस्ताव की तैयारी की जा रही है। ये बढ़ोत्तरी बाजार मूल्य के करीब सर्किल रेट लाने के उद्देश्य से की जा रही है, जिससे किसानों को जमीन अधिग्रहण में अधिक मुआवजा मिलेगा। इसको लेकर स्टाम्प विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
एक्सप्रेस-वे , 29 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, डिफेंस कॉरिडोर और औद्योगिक नीति के तहत
इस तेजी में एक्सप्रेस-वे , 29 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, डिफेंस कॉरिडोर और औद्योगिक नीति के तहत जमीनों की अधिग्रहण की बड़ी भूमिका है. देखा जाए तो प्रदेश के अयोध्या, सीतापुर, चित्रकूट, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर ,औरैया , कानपुर देहात सहित 40 जिलों में जमीन का भाव 3 से 10 गुना बढ़े हैं. किसानों और गरीबों के हित में जमीन का सर्किल रेट 10 से 50 क बढ़ाने का प्रस्ताव स्टाम्प विभाग का है।
बाजार भाव के बराबर सर्किट करने का प्रस्ताव
कहा जा रहा है कि, इसमें उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां जमीनों के सरकारी रेट और बाजार रेट में काफी अंतर है. ऐसे सभी क्षेत्रों में बाजार भाव के बराबर सर्किट करने का प्रस्ताव बन रहा है. इसका सबसे ज्यादा लाभ किसानों को मिलेगा। अधिग्रहित होने वाली जमीन के बदले उन्हें ज्यादा मुआवजा मिलेगा। जमीनों का सर्किल बढ़ने से एक ओर जमीन मालिकों को फायदा पहुंचेगा, वहीं जो लोग जमीन खरीदेंगे उनको पहले से अधिक दाम देने पड़ेंगे।
9 साल बाद बढ़ाए जाने का फैसला
बताते चले कि, साल 2016 से जमीन के सर्किल रेट में विशेष बढ़ोतरी नहीं की गई है. 9 साल बाद इसे बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है. हालांकि, बीच-बीच में जरूरत के हिसाब से कई जिलों में सर्किल रेट बढ़ाया गया, लेकिन अधिकतर जिलों में 8 वर्ष पुराना सर्किल रेट चल रहा है. जबकि, इस अवधि में जमीन की कीमत आसमान छू रही है.