Edited by: Vandana Ravindra.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 मई को यानि आज केरल में 8,900 करोड़ रुपये की लागत वाले देश के पहले समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट ‘विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज बंदरगाह’ का उद्घाटन किया।
नए युग के विकास का प्रतीक
इसकी खासियत ये है कि, विझिंजम भारत में गहरे पानी का सबसे बड़ा बंदरगाह है। बंदरगाह के उद्धाटन के बाद पीएम मोदी ने इस बंदरगाह को नए युग के विकास प्रतीक बताते हुए कहा कि, अब इस बंदरगाह के बनने से देश का पैसा देश के काम आएगा। यह नया बंदरगाह भारत के लिए नए आर्थिक अवसर लाएगा। क्योंकि, केरल में एक ओर संभावनाओं से भरपूर विशाल समंदर है, दूसरी तरफ प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य हैं। बंदरगाह को गेमचेंजर बताते हुए पीएम ने कहा कि आने वाले समय में इस पोर्ट की क्षमता तीन गुनी हो जाएगी। इस पोर्ट पर दुनिया के बड़े मालवाहक जहाज बड़ी आसानी से आ सकेंगे।
भारत का 75 प्रतिशत ट्रांशिपमेंट बाहर के पोर्ट अब नहीं
पीएम मोदी ने बताया कि, अभी तक भारत का 75 प्रतिशत ट्रांशिपमेंट बाहर के पोर्ट पर होता था। जिसकी वजह से बहुत बड़ा रेवन्यू लॉस होता था। लेकिन अब ये स्थिति बदल रही है। देश का पैसा देश के काम आएगा। जो पैसा बाहर जाता था, वह केरल और विझिंजम के लोगों के लिए नए अवसर लेकर आएगा। पीएम मोदी न कहा कि, आज भगवान आदि शंकराचार्य जी की जयंती है। तीन साल पहले सितंबर में मुझे उनकी जन्मभूमि में जाने का सौभाग्य मिला था. मुझे खुशी है कि मेरे संसदीय क्षेत्र काशी में विश्वनाथ धाम परिसर में आदि शंकरार्य जी की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है।
केरल और केदारनाथ का कनेक्शन
इसके साथ ही पीएम मोदी ने केरल और केदारनाथ का कनेक्शन जोड़ते हुए बताया कि, “मुझे उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में भी आदि शंकराचार्य जी की दिव्य प्रतिमा के अनावरण का भी सौभाग्य मिला है। आज ही देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के पट खुले हैं. केरल से निकलकर देश के अलग-अलग कोनों में मठों की स्थापना करके आदि शंकराचार्य जी ने राष्ट्र की चेतना को जाग्रत किया. मैं उन्हें आज नमन करता हूं.”