Edited by: Vandana Ravindra.
वैदिक ज्योतिष में गुरु को सबसे बड़ा और शुभ ग्रह माना जाता है। गुरु शनि की तरह ही धीमे चलने वाले ग्रह हैं। गुरु एक साल में राशि बदलते हैं जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों के ऊपर होता है। शनि के बाद अब जल्द ही गुरु राशि परिवर्तन करने वाले हैं।
बुध की राशि मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे
गुरु अभी वृषभ राशि में विराजमान है, जहां से 14 मई को निकलकर बुध की राशि मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। जो कि कई राशियों के लिए फलदायी हौगा। सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु पंचम और अष्टम भाव के स्वामी होकर आपके एकादश भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में उनकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होंगे। उधार दिया हुआ धन आपको वापस मिल सकता है। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। गुरु की विशेष कृपा से जल्द सभी तरह की परेशानियों से निजात मिल जाएगी। आर्थिक रूप से जीवन में मजबूती आएगी।
जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा
जबकि, तुला राशि के जातकों के लिए गुरु का राशि परिवर्तन होने से जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। धर्म और आध्यात्म की तरफ रूझान बढ़ेगा। नौकरीपेशा जातकों के लिए गुरु का गोचर बहुत ही लाभकारी साबित होगा। संतान सुख की प्राप्ति होगी।
लंबे समय से जो काम नहीं हो पा रहे थे वे अब पूरे होंगे।
मिथुन राशि में ही गुरु का गोचर होगा और गुरु इस राशि के सातवें और दशवें भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में गुरु लग्न में बैठकर अपनी पंचम, सप्तम और नवम द्दष्टि से मिथुन राशि के जातकों को संतान सुख का प्राप्त होती है। लंबे समय से जो काम नहीं हो पा रहे थे वे अब पूरे होंगे। इच्छाओं की पूर्ति होगी। जो लोग विवाह करने के इच्छुक हैं उनका विवाह हो सकता है। सामाजिक रूप से पद-प्रतिष्ठा में वृद्दि होगी।